कोविद -19 के प्रतिबंध के कारण निर्माण श्रमिकों को होने वाले नुकसान के मद्देनजर, पंजाब सरकार ने 3000 रुपये के गुजारा भत्ते की घोषणा की है। जो भी निर्माण श्रमिकों को निर्माण और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत किया जाएगा। यह भत्ता उन्हें नकद सहायता के रूप में दिया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि 3000 रुपये के गुजारा भत्ते का भुगतान 1500-1500 रुपये की दो किस्तों में किया जाएगा। पहली किस्त तुरंत जारी की जाएगी, जबकि दूसरी किस्त का भुगतान 15 जून तक किया जाएगा। पर पंजाब सरकार रोजगार दफ्तरों में पंजीकृत बेरोजगारों को भूली।
उन्होंने कहा कि महामारी की पहली लहर के दौरान, राज्य सरकार ने पिछले साल संकट में निर्माण श्रमिकों के लिए इसी तरह की सहायता दी थी। उस दौरान, 6000 रुपये की दर से बोर्ड के साथ पंजीकृत 2.92 लाख निर्माण श्रमिकों को 174.31 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी। आपकी जानकारी को बतादें कि पिछले साल संकट में भी रोजगार दफ्तरों में पंजीकृत बेरोजगारों को कुझ नहीं मिला था।
बोर्ड के साथ राज्य भर में लगभग तीन लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिक हैं। इससे ज्यादा पंजाबी बेरोजगार होंगे। जो बेरोजगारी के चलते या तो पंजाब छोड़ विदेश चले गए है। जो पंजाब में है वह पंजाब से बाहर नोकरी करने को मजबूर है।
कोविद के मामलों में हालिया वृद्धि और समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों से उत्पन्न मौजूदा स्थिति भारत वासी भली भांति जानते है, जहां रोजगार मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। जो लोग रोजगार कर भी रहे है, वह आधि तनखा पा रहे है और पंजाब सरकार प्रवासी श्रमिकों को ख़ुश करने में लगी है पर पंजाब सरकार पंजाब के रोजगार दफ्तरों में पंजीकृत बेरोजगारों को क्यों भूल जाती है।
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