सरकार द्वारा लगाए गए अप्रत्यक्ष लॉकडाउन से मिडल कलास व्यक्ति और दुकानदारो को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारो का कहना है कि पिछले साल के लॉकडाउन के बाद काम पटरी पर दुबारा आना शुरू हुआ था, कि सरकार ने दोबारा हमारी दुकाने बंद करवादी। परिवार का गुजारा आगे मुश्किल से चलरहा था, अब फिर बंद के चलते और मुश्किलें बड गई है। दुकानदारो का कहना है कि हमारे बच्चे पढ़े लिखे है उनको तो नोकरी तक नहीं है, जो नोकरी कर भी रहे है उनको वेतन आधा मिलरहा है। कैसे होगा इन लोगो के घरों का गुजारा,
मिडल कलास व्यक्ति टेक्स भी देता है और जी.एस.टी भी देता है, पिछले वर्ष भी लॉकडाउन में मिडल कलास व्यक्ति ही पिसा, न इनको राशन मिला, न कोई आर्थिक मदद, क्या इसबार सरकार मिडल कलास व्यक्ति की मदद को भी आगे आएगी या इसबार फिर लॉकडाउन में मिडल कलास ही पिसेगा................
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