दिल्ली सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाली 26 वर्षीय महिला कार्यकर्ता की मौत के मामले में एक नया मोड़ आया सामने, 30 अप्रैल को हुई थी मौत, 2 किसान नेताओं के खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज - MSD News

This website of MSD News makes the students preparing for government jobs aware of the current affairs and latest news of the country.

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

अपनी पसंदीदा भाषा में पढ़ने के लिए भाषा का चयन करें

ad

दिल्ली सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाली 26 वर्षीय महिला कार्यकर्ता की मौत के मामले में एक नया मोड़ आया सामने, 30 अप्रैल को हुई थी मौत, 2 किसान नेताओं के खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज


दिल्ली सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने वाली 26 वर्षीय महिला कार्यकर्ता की मौत के मामले में एक नया मोड़ आया  सामने । महिला के पिता की शिकायत पर बहादुरगढ़ पुलिस ने आंदोलन कर रहे कई आरोपी किसानों के खिलाफ यौन शोषण (बलात्कार का मामला) का मामला दर्ज किया है।
महिला कार्यकर्ताओं का यौन शोषण
महिला के पिता ने आरोप लगाया है कि किसान प्रोटेस्ट के दौरान उनकी बेटी का दिल्ली में यौन शोषण किया गया था। पीड़ित के पिता की शिकायत पर बहादुरगढ़ जिले की पुलिस ने आरोपी किसानों अनूप सिंह और अनिल मलिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 365, 342, 354, 376 और 120B के तहत मामला दर्ज किया है। ये दोनों किसान सामाजिक सेना बनाकर टिकारी बॉर्डर पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे।
30 अप्रैल को कार्यकर्ता की हुई थी मौत 
पुलिस के मुताबिक, मृतक महिला कार्यकर्ता, जो पश्चिम बंगाल की रहने वाली है, 11 अप्रैल को टिकर सीमा पर पहुंची। फिर वह महिला कार्यकर्ता कोरोना से संक्रमित हो गई। बीमार होने के कुछ दिनों बाद 30 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के लगभग चार दिन पहले, महिला को बहादुरगढ़ के शिवम अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
डीएसपी के नेतृत्व में एस.आई.टी. गठित
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मामले में नामजद अनूप सिंह और अनिल मलिक किसान प्रोटेस्ट की सोशल मीडिया टीम का हिस्सा थे। बहादुरगढ़ जिला पुलिस ने इस संवेदनशील मामले की जांच के लिए डीएसपी के नेतृत्व में तीन निरीक्षकों और एक साइबर सेल को मिलाकर एक एसआईटी का गठन किया है। जो इस सारे मामले की जाँच करेगी।
आंदोलनकारियों का बयान 
उधर, मामला दर्ज होने के बाद टिकारी सीमा पर आंदोलन कर रही महिला आंदोलनकारियों ने दोनों आरोपियों पल्ला झाड़ लिया है। महिला आंदोलनकारियों ने एक बयान जारी कर कहा है कि दोनों आरोपी कभी भी संयुक्त किसान मोर्चा की टीम का हिस्सा नहीं थे। महिला आंदोलनकारियों का कहना है कि इस मामले में वे पीड़ित के पिता के साथ पूरी तरह साथ हैं और सरकार को इस मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और दोषियों को दंडित करना चाहिए।

No comments:

Post a Comment

ad

Ad

Post Bottom Ad

Pages