कर्नाटक उच्च न्यायालय ने धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट की बेंच ने फैसला सुनाया है कि हिजाब इस्लाम का जरूरी हिस्सा नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। कर्नाटक उच्च न्यायालय को यह तय करना था कि क्या हिजाब संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित एक मौलिक अधिकार है। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है, इसलिए यदि स्कूल में ड्रेस कोड है, तो कोई भी मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए अपनी पसंद की पोशाक नहीं पहन सकता है।
अदालत ने कहा, हमने हिजाब के मुद्दे पर दोनों पक्षों की राय सुनी है। एक पक्ष चिंतित था कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सुरक्षित है। दूसरा सवाल यह था कि स्कूल की वर्दी संवैधानिक रूप से बाध्यकारी नहीं है। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी के आदेश को रद्द करने का कोई मामला नहीं है। याचिकाकर्ता यह साबित करने के लिए कोई तथ्य पेश नहीं कर सका कि सरकार ने मनमाने ढंग से फैसले को लागू किया है। इसलिए स्कूलों में ड्रेस कोड लागू करना मौलिक संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है।
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