सीचेवाल(जालंधर): आज शुक्रवार को संत अवतार सिंह जी की 34वीं बरसी के मौके पर करवाए गए समारोह में भाग लेने पहुँचे मुख्यमंत्री ने राज्य में भूजल के तेज़ी से गिरते स्तर और पर्यावरण के प्रदूषण पर गहरी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि पंजाब का एकमात्र दुर्लभ और बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन पानी को बचाने और पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए तत्काल ज़रुरी कदम उठाने की ज़रूरत है। भगवंत मान ने कहा कि अकेली सरकार यह काम नहीं कर सकती, बल्कि लोगों की हिस्सेदारी अनिवार्य है, जिससे ख़ास तौर पर वैश्विक स्तर पर तापमान के बढऩे के मद्देनजऱ इस संसाधन की अहमीयत के बारे में अवगत करवाने के लिए व्यापक लोक लहर बनाई जाए। पानी के तेज़ी से घटते स्तर के कारण पैदा हो रही स्थिति की गंभीरता पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ तक भूजल का सम्बन्ध है, राज्य के लगभग सभी ब्लॉक ‘डार्क ज़ोन’ में हैं। भगवंत मान ने कहा कि यह जानकर बेहद दुख हुआ है कि दुबई और अन्य अरब मुल्कों में तेल निकालने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मोटरों की अब पंजाब में भूजल निकालने के लिए प्रयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही वाले रुझान को तत्काल रोकने की ज़रूरत है जिससे हमारी आने वाली नसलें पानी के लिए तरसने के लिए मजबूर ना हों।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिशें कर रही है कि भूजल के प्रयोग को घटाया और धरती के अतिरिक्त पानी का सही प्रयोग सुनिश्चित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य सरकार ने धान की सीधी बुआई के लिए वित्तीय सहायता देने की योजना शुरू की है, जिस कारण राज्य में 20 लाख एकड़ में धान की सीधी बिजाई होने की आशा है, जिससे पानी की बचत होगी। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का ध्यान गेहूँ और धान के फ़सलीय चक्र से हटाने के लिए मूँग की दाल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की एक और पहल की है, जिससे फ़सलीय विभिन्नता के द्वारा पानी की बचत हो। और ज्यादा जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पंजाब को हरा-भरा बनाने एवं प्रदूषण मुक्त करने और पानी बचाने के लिए राज्य सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा उठाए गए मुद्दे पर भगवंत मान ने कहा कि गिद्दड़पिंडी रेलवे पुल के नीचे से गाद हटाने का मसला वह केंद्रीय रेलवे मंत्री के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पुल के नीचे गाद जमा होने के कारण थोड़े-थोड़े समय के बाद आने वाली बाढ़ लोगों के जान-माल के लिए बड़ा ख़तरा बन रहे हैं।
गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता, माता धरत महत’ का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे महान गुरूओं ने हवा को गुरू, पानी को पिता और धरती को माँ का दर्जा दिया है। हम इन तीनों को ही नुकसान पहुँचा कर अपने गुरूओं को धोखा दिया है। भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया कि राज्य की पुरातन शान को बहाल करने के लिए हम गुरबानी की शिक्षाओं को लाजि़मी तौर पर अपने जीवन में अपनाएं। संत अवतार सिंह को श्रद्धाँजलि भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने पर्यावरण बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए दिए गए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि संत अवतार सिंह जी महान धार्मिक नेता और समाज सुधारक थे। भगवंत मान ने कहा कि वह बहुत भाग्य वाले हैं कि उनको इस प्रोगाम में शामिल होने का मौका मिला।
संत बलबीर सिंह सीचेवाल की बेमिसाल सेवाओं की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा जी ने अपने समर्पण और प्रतिबद्धता के द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए एक नयी क्रांति का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि संत सीचेवाल रहते समय तक हमारे लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। भगवंत मान ने संत सीचेवाल को इसी मिशनरी भावना से यह महान कार्य जारी रखने की अपील की और मुख्यमंत्री ने निर्मल कुटिया में पौधा भी लगाया।
इस समय मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ए. वेणु प्रसाद, डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी, डी.आई.जी. एस भूपति, एस.एस.पी. स्वप्न शर्मा विधायक बलकार सिंह, विधायक रमन अरोड़ा, विधायक शीतल अंगूराल, पूर्व मंत्री जोगिन्दर सिंह मान, महिला विंग की प्रधान राजविन्दर कौर थियाड़ा, आप नेता सज्जण सिंह चीमा, रतन सिंह ककड़ कलाँ, दिनेश ढल और अन्य उपस्थित थे।
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