बीएसई ने आज मंगलवार को कहा कि उसने जनहित निदेशक एस.एस. मुंद्रा की नियुक्ति को मंजूरी दी। एस.एस. मुंद्रा तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 30 जुलाई, 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर के रूप में सेवानिवृत्त हुए। वह पहले बैंक ऑफ बड़ौदा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। जहां से वह जुलाई 2014 में सेवानिवृत्त हुए थे। हालांकि, नियुक्ति को बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिलना बाकी है। चार दशकों से अधिक के बैंकिंग करियर में, मुंद्रा ने यूनियन बैंक के कार्यकारी निदेशक सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी के रूप में भी काम किया है। उन्होंने G20 फोरम के वित्तीय स्थिरता बोर्ड और इसकी विभिन्न समितियों के लिए RBI के नामिती के रूप में भी कार्य किया। वह वित्तीय शिक्षा पर ओईसीडी के अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क (आईएनएफई) के उपाध्यक्ष भी रहे हैं।
आरबीआई में शामिल होने से पहले, मुंद्रा कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल), सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीडीएसएल), बॉब एसेट मैनेजमेंट कंपनी, इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कॉरपोरेशन में शामिल थे। उन्होंने इंडिया फर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, स्टार यूनियन दाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड में भी काम किया है।
मुंद्रा प्रधान के रूप में नियमित रूप से विभिन्न मंचों में भाग लेते रहे हैं। उन्होंने बैंकिंग, वित्तीय समावेशन और साक्षरता, एमएसएमई वित्त, लेखा परीक्षा, धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण, मानव संसाधन प्रबंधन आदि सहित विभिन्न मुद्दों पर विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर 60 से अधिक व्याख्यान/प्रस्तुतियाँ दी हैं। इनमें से कई भाषण भारतीय रिजर्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक की वेबसाइटों पर प्रकाशित किए गए हैं।
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