जालंधर: कोविड-19 महामारी कारण अपने माता-पिता गवा देने वाले जालंधर जिले के तीन बच्चों को पी.एम. केयरस फार चिल्ड्रन योजना के अंतर्गत 10-10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसके अंतर्गत पाँच-पाँच लाख की पहली किस्त पहले ही बच्चों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। ऐसे बच्चों के साथ बातचीत करने के लिए प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी की अध्यक्षता में करवाए गए वर्चुअल समागम में हिस्सा लेते डिप्टी कमिशनर घनश्याम थोरी ने प्रधानमंत्री दफ़्तर की तरफ से जारी ‘स्नेह पत्र ’ तीनों बच्चों को सौंपे गए। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से प्रभावित बच्चों को यह वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए इन बच्चों के डिप्टी कमिशनर जालंधर के साथ सांझा बचत खाते डाकख़ाने में खोले गए है, जिसमें इस योजना के अंतर्गत पाँच-पाँच लाख रुपए की राशि जमा करवाई गई है। उन्होने बताया कि जब बच्चा 23 साल का हो जाएगा, तो उसे यह राशि ब्याज सहित दे दी जाएगी।
घनश्याम थोरी ने सरकार की इस योजना की प्रशंसा करते कहा कि इसके साथ बच्चों को अपनी पढ़ाई निर्विघ्न ढंग जारी रखने में सहायता मिलेगी, जिससे उनका सुनहरी भविष्य यकीनी बनेगा। उन्होंने बताया कि इन बच्चों की और मदद के लिए इंटैगरेटिड चाइल्ड प्रोटेक्शन योजना के अंतर्गत इनको अधिक से अधिक सहायता प्रदान की जा रही है और हर बच्चे को दो-दो हज़ार रुपए की राशि भी दी गई है। हालाँकि अब यह रकम बढा कर चार हज़ार रुपए प्रति बच्चा कर दी गई है। इसी तरह इन बच्चों को आयुषमान भारत सरबत स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पाँच लाख रुपए की कैशलैस इलाज सुविधाओं के इलावा प्रति बच्चा 1500 प्रति महीना पैनशन का लाभ भी दिया जा रहा है। डिप्टी कमिशनर ने इन बच्चों के दादा को जालंधर प्रशासन की तरफ से पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिलाया, जिनकी तरफ से माता-पिता की मौत के बाद इनकी देखभाल की जा रही है। इस मौके सहायक कमिशनर हरजिन्दर सिंह जस्सल, ज़िला प्रोगराम अधिकारी इन्द्रजीत कौर, ज़िला बाल सुरक्षा अधिकारी अजय भारती, बाल सुरक्षा अधिकारी अमनीत कौर, लीगल प्रोबेशन अधिकारी सन्दीप कुमार, चाइल्ड वैलफेयर समिति के चेयरमैन जगदीप गुलाटी, मैंबर बलदेव सिंह आदि मौजूद थे।
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