एडीजीपी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स(एजीटीएफ) प्रमोद बान ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस ने एक व्यापक और सुनियोजित ऑपरेशन में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हरविंदर रिंदा के बीच एक बैकलैश का भंडाफोड़ किया, जिसमें 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से नौ हथियार और चोरी के पांच वाहन बरामद किए गए। जालंधर ग्रामीण पुलिस ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। आरोपितों की पहचान जिला मोहाली के सागर सिंह, जिला जांलधर नकोदर के मोहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जैसी पुरेवाल, लोहियां के नवी, नकोदर के अंकुश सव्रवाल उर्फ पाया, फिल्लौर के अमनदीप उर्फ शूटर, फिल्लौर के शिव कुमार उर्फ शिव, नकोदर के विशाल उर्फ फौजी, जिला लुधियाना समराला के अमर मलिक, ऊना (एचपी) के सुमित जयसवाल उर्फ काकू, ऊना के अरुण कुमार उर्फ मनी राणा और कपूरथला के अनू उर्फ पहलवान के तौर पर हुई है। गिरफ्तार किए गए सभी लोगों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है और वे जघन्य अपराध के मामलों का सामना कर रहे हैं।
एसएसपी जालंधर ग्रामीण स्वपन शर्मा के साथ मौजूद एडीजीपी प्रमोद बान ने कहा कि गिरोह कई पड़ोसी राज्यों में सक्रिय था और हत्या, हत्या के प्रयास, सशस्त्र डकैती, संगठित फिरौती, डकैती और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में शामिल था। उन्होंने कहा, "इनकी गिरफ्तारी के साथ, पंजाब पुलिस ने कम से कम सात हत्याओं, पुलिस हिरासत से दो फरार और चार सशस्त्र डकैतियों को नाकाम कर दिया है।" एडीजीपी प्रारंभिक जांच के अनुसार गिरोह को गोल्डी बराड़ के साथी विक्रम बराड़ ने हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के निर्देश पर चलाया था। राजस्थान के हनुमानगढ़ का रहने वाला बराड़ फिलहाल विदेश में रह रहा है और छह राज्यों में उसकी पुलिस तलाश कर रही है। वह लॉरेंस बिश्नोई का सहपाठी हैं और सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं।
एसएसपी स्वपन शर्मा ने गिरफ्तार व्यक्तियों की जानकारी का खुलासा करते हुए कहा कि मोहम्मद यासीन अख्तर उर्फ जेसी एक साल से अधिक समय से लापता था। उन्होंने आगे कहा कि बराड और लॉरेंस के करीबी सहयोगी जेसी कम से कम 16 आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने बताया कि अंकुश सभरवाल नाम के एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ छह आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। अंकुश 2014 में नकोदर के एक आईलटस केंद्र में विक्रम बराड़ का छात्र था और महाराष्ट्र के सौरव महाकाल को सुरक्षित पनाह दे रहा था, जिसे पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। महाकाल के दो महीने राज्य में रहने के दौरान उसने महाकाल के साथ पंजाब में तीन अपराध किए थे।
एसएसपी ने बताया कि अरुण कुमार उर्फ मणि राणा जेल में बंद गैंगस्टर था और लॉरेंस-जग्गू भगवानपुरिया गुट के इशारे पर काम कर रहा था। उन्होंने आगे कहा कि गिरफ्तार गिरोह ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में एक अदालत की सुनवाई के दौरान मणि राणा की पुलिस हिरासत से भागने की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि सुमित जसवाल उर्फ काकू को गिरफ्तार कर लिया गया है क्योंकि वह रेकी करने और भागने के प्रयास के लिए रसद की व्यवस्था करने में सक्रिय रूप से शामिल था।
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