जालंधर: जिले में अवैध माईनिंग रोकने के उदेशय से जालंधर में अगले सप्ताह से डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम(डीजीपीएस) सर्वेक्षण शुरू होने जा रहा है। अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर(एडीसी) मेजर अमित सरीन ने सिंचाई, पंचायत, लोक निर्माण विभाग सहित विभिन्न विभागों के प्रमुखों से बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि रेयान एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड की टीम अगले सप्ताह जिले में पहुंचेगी। यह टीम सतलुज नदी के किनारे जमीन और अन्य कृषि योग्य भूमि का सर्वेक्षण करेगी, जिसके बाद एक जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि डीजीपीएस ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम(जीपीएस) की तुलना में एक बढिया तरीका है जो स्थान संबंधी जानकारी प्रदान करता है। अमित सरीन ने कहा कि डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम(डीजीपीएस) के माध्यम से माईनिंग साईटों का सीमाबंदी से सभी कानूनी माईनिंग प्रक्रिया में बाधा नहीं आएगी। उन्होंने पंचायत अधिकारियों को दरिया के नजदीक कृषि योग्य भूमि की पहचान करने के लिए भी कहा जहां से रेत या बजरी निकाली जा सकती है ताकि ऐसे स्थानों को सर्वेक्षण रिपोर्ट में शामिल किया जा सके। अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर ने अधिकारियों से कहा कि वे सर्वेक्षण टीम को पूरा सहयोग दें ताकि वे डीजीपीएस का काम बिना किसी रुकावट से कर सके।
उन्होंने कहा कि एसडीएम की तरफ से डीजीपीएस सर्वेक्षण टीम के कामकाज की निगरानी की जाएगी और किसी भी तरह की समस्या होने पर सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कानूनी माईनिंग कार्य प्रभावित न हो ताकि आम जनता को रेत प्राप्त करने में कोई कठिनाई न हो। इस अवसर पर एसडीएम लाल विश्वास बैंस, रणदीप सिंह हीर, कार्यकारी इजीनियर सिंचाई गुरतेज सिंह गरचा आदि उपस्थित थे।
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