जालंधर: राजा ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन फाउंडेशन के संस्थापक राजा ने एक विशेष बैठक की जिसमें "पुलिस का सम्मान" और "आम जनता का सम्मान" विषय पर चर्चा की गई। चर्चा के दौरान मुख्य बात यह रही कि फायरिंग करने वाले सब इंस्पेक्टर को पुलिस ने डेरा बस्सी में एक शख्स के पैर में गोली मार दी। डेराबस्सी के हैबतपुर रोड पर मंगलवार की रात एक व्यक्ति और उसके साथियों से कहासुनी के दौरान एक व्यक्ति और उसके साथियों पर गोली चलाने के आरोप में मोहाली पुलिस ने मुबारकपुर थाने के प्रभारी उपनिरीक्षक बलविंदर सिंह को निलंबित कर दिया।
राजा ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन फाउंडेशन के संस्थापक राजा ने कहा कि घटना के बाद सेवानिवृत्त पुलिस उपनिरीक्षक सतपाल का एक वॉयस मैसेज व्हाट्सएप पर वायरल हुआ, जिसमें सतपाल पुलिस अधिकारियों को सलाह दे रहा था कि इस तरह की घटनाओं से पुलिस की छवि खराब होगी।
श्री राजा ने कहा कि पंजाब पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए है न कि लोगों को परेशान करने के लिए। जैसा कि सतपाल जी ने पुलिस अधिकारी की बात तो की लेकिन लड़कियों की मर्यादा की बात नहीं की। सतपाल के अनुसार अधिकारी की वर्दी को कलंकित नहीं किया जाना चाहिए जबकि लड़कियों की गरिमा को कलंकित किया जाना चाहिए। कितनी घटिया सोच रखता होगा ऐसा बयान देने वाला शख्स।
यह कहा की इंसानियत है कि एक लड़की के बालों को पकड़कर मारना, क्या पुलिसकर्मी ने सही किया है? सबसे पहले इसका जवाब दिया जाना चाहिए कि क्या एएसआई बलविंदर सिंह ने सही किया था। दूसरे, एक पुलिस अधिकारी ने लड़की के साथ दुर्व्यवहार भी किया, जो कि सच था। क्या लड़की का कोई स्वाभिमान नहीं होता? तीसरा, चेक पोस्ट पर महिला पुलिस की तैनाती क्यों नहीं की गई, जबकि हर चेक पोस्ट में एक महिला पुलिस अधिकारी होनी चाहिए। डेरा बस्सी नाका पर महिला पुलिस अधिकारी क्यों नहीं थी?
राजा ने पूछा कि चेक पोस्ट के पास मुबारकपुर थाने के प्रभारी को क्यों नहीं बुलाया गया। राजा ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से थानों के कर्मचारियों को हर चेक पोस्ट पर महिला अधिकारी तैनात करने के निर्देश देने की अपील की।
श्री राजा ने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि क्या पंजाब पुलिस कर्मियों को जो हथियार दिए गए हैं या जिनके पास लाइसेंसी हथियार हैं, उन्हें आम जनता पर चलाने को दिया गया है। सच तो यह है कि ये हथियार आम जनता की रक्षा के लिए दिए गए हैं।
अध्यक्ष राजा और राष्ट्रीय महासचिव जीवन शर्मा ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर सतपाल का भी यह कहना सही था कि कोई भी पुलिसकर्मी या उनकी वर्दी को नहीं छू सकता, लेकिन क्या पुलिस को पूरी तरह छूट है?
श्री राजा ने कहा कि मेरी एन.जी.ओ राजा ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन फाउंडेशन के सभी सदस्यों के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, पंजाब सरकार और पुलिस अधिकारियों से अनुरोध है कि वे पुलिस कर्मियों को निर्देश दें कि वे आम जनता के साथ दोस्ताना और सम्मानजनक व्यवहार करें। महिलाओं के सम्मान से ही पुलिस की छवि सुधारी जा सकती है।
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