सरकार और industry के बीच scrapage policy के तहत discount को लेकर बात वन चुकी है, यानी अगर कोई पुरानी गाड़ी scrap करना आप चाहते हैं तो बिल्कुल कीजिए। आपको नई गाड़ी की ex showroom price पर डेढ़ से तीन percent की छूट मिलेगी और यही नहीं पुरानी गाड़ी का जो scrap है उसका पैसा वह भी अलग से मिलेगा। यानी के पुरानी गाड़ी का कबाड़ भी आपके लिए फ़ायदे का सौदा साबित हो सकता है।
लंबे समय के विचार विमर्श और चर्चा के बाद केंद्र सरकार और auto industry ने scraping certificate के बदले नई car खरीदने वालों को छूट देने पर सहमति जताई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और automobile manufactures के संगठन SIM के साथ बातचीत में इस पर सहमति बनी। मारुति Suzuki, tata motors, Hyundai, किया, Toyota जैसी कंपनियों ने car पर छूट का ऐलान किया है। यह कंपनियां scrap हो चुके car और नई car ख़रीदने पर 1.5% या 20,000 तक की छूट देंगी। mercerdsमर्सिडीज बेंज का 25,000 फ़्लैट छूट का एलन किया है। सम्भव है कि आने वाले समय में और कम्पनियाँ भी पुराणी गाड़ी के बदले अतिरिक्त छूट का ऐलान करेंगी। सिर्फ़ passenger vehicles ही नहीं बल्कि commercial vehicle को भी scrap बनाने पर कंपनियां छूट देने को राज़ी हुई हैं।
Tata motors, Volvo, Eicher, अशोक लेलैंड, महिंद्रा and महिंद्रा, Force Motors, इसीजू motors जैसी कंपनियां ग्राहकों को नई गाड़ी खरीदने पर scrape certificate के बदले छुट देंगी। साढ़े तीन टन से अधिक वज़न ढोने वाले commercial cargo वाहनों के लिए x showroom कीमत के तीन percent के बराबर छूट मिलेगी। साढ़े तीन टन से कम वज़न ढोने वाले वाहनों के लिए x showroom कीमत के 1.5% के बराबर छूट मिलेगी। ट्रेडेड सर्टिफिकेट आफ डिपाजिट उपयोग करने वाले ग्राहकों के लिए हेवी व्हीकल पर 2.75% छूट मिलेगी और लाइट व्हीकल पर 1.25% की छूट मिलेगी।
Vehicle scraping policy पुराने और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से बाहर करने की एक योजना है। दो हज़ार इक्कीस में सरकार ने कबाड़ और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए राष्ट्रीय वाहन scrapage policy की शुरुआत की थी। इसके तहत देश के हर शहर के केंद्र से डेढ़ सौ kilometer के भीतर एक automobile scraping सुविधा विकसित करने की योजना है।
यह policy बीस साल से पुराने private passenger वाहन और पंद्रह साल से पुराने commercial वाहन पर लागू होगी और अगर वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलता तो, उनका रजिस्ट्रेशन रद होगा। फिर इन वाहनों को स्क्रैप सेंटर भेजा जाएगा और उन्हें कबाड़ में बदला जाएगा। गाड़ियों को स्क्रैप करने वाली कंपनी सर्टिफिकेट जारी करेगी जिससे नई गाड़ी खरीदने पर छूट मिलेगी। ऐसे वाहन गाड़ियों को scrap कराने पर मालिकों को पैसे भी मिलेंगे। Scrapage policy को लेकर सरकार लगातार कोशिशें कर रही हैं लेकिन इससे कोई खास सफलता नहीं मिली है। स्वैच्छिक रूप से वाहनों को scrap में बदलने की मुहिम ज़ोर नहीं पकड़ पाई है। March दो हज़ार पच्चीस तक नब्बे हज़ार पुराने सरकारी गाड़ियों को कबाड़ में बदलने का target रखा गया है।
सरकार साठ registered vehicle scraping centers और पचहत्तर automated testing station setup करने की तैयारी में है। अब slabper certificate के average में छूट मिलने से यह policy ज़ोर पकड़ सकती है।
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