जन्माष्टमी पर खासतौर पर लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है और भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। वैसे तो लड्डू गोपाल को माखन मिश्री का भोग सबसे प्रिय है, लेकिन पंचामृत का भी खास महत्व होता है। जब आधी रात को लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है, तो उस समय पंचामृत बनाकर भगवान को भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
हालांकि पंचामृत में ऐसी कौन सी पांच चीज़ें शामिल होती हैं, उनकी मात्रा कितनी रखी जाती है और पंचामृत का भोग लगाना क्यों ज़रूरी है? यह सभी बातें हर कोई नहीं जानता। पंचामृत यानी पांच चीज़ों से बना प्रसाद। पंचामृत का भोग लगाना बेहद अच्छा माना जाता है। पंचामृत में कौन कौन सी पांच चीज़ें शामिल होती हैं, आइए जानते हैं:
भगवान श्री कृष्ण जी को पंचामृत बहुत प्रिय है और पंचामृत बनाने के लिए पांच चीज़ों की आवश्यकता पड़ती है जिनसे हम लोग पंचामृत तैयार करते हैं।
- दूध
- दही
- शहद
- घी
- शक्कर
उपर बताई गई पांच चीजों का इस्तेमाल कर पंचामृत बनाया जाता है। पर सवाल है कि यह चीज़ें कितनी मात्रा में डाली जानी चाहिए।
घी से दुगना शहद, शहद से दुगना शक्कर, शक्कर से दुगना दही, दही से दुगना दूध, तभी जाकर के पंचामृत का निर्माण होता है। पंचामृत में कौन कौन सी चीज़ें होती हैं और उन्हें कितनी मात्रा में मिलाकर प्रसाद बनता है? आपने यह तो जान लिया, अब यह भी समझ लेते हैं कि आखिर पंचामृत का भोग लगाने से क्या लाभ मिलता है।
माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा बनी रहती है। पंचामृत का भोग लगाने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं लोगों को और यह पंच चीज़ें जो है पंच अमृत के समान हमारे अंदर काम करती हैं, पंच इंद्रियों पर अपना प्रभाव डालती हैं, इसलिए इनका महत्त्व विशेष है। जन्माष्टमी पर जब भी श्रीकृष्ण के बाल रूप, लड्डू गोपाल की पूजा करें तो उन्हें पंचामृत का भोग ज़रूर लगाएं। पंचामृत में इस्तेमाल होने वाली पांच चीज़ें कौन सी हैं और कितनी मात्रा में डाली जानी चाहिए इन बातों का खास ख्याल रखें।
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