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Saturday 14 September 2024

भारत बनेगा सेमीकंडक्टर्स में दिग्गज: NXP का 8,000 करोड़ रुपये का निवेश

semiconductors

सेमीकंडक्टर्स की डिमांड पिछले कुछ सालों में बेतहाशा बढ़ गई है और भारत इस क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में भारत और सिंगापुर के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ था, जो सेमीकंडक्टर्स से संबंधित है। इसी कड़ी में, नीदरलैंड की प्रसिद्ध कंपनी NXP Semiconductors ने भारत में अपने रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) को दोगुना करने का ऐलान किया है। इसके लिए कंपनी 8,400 करोड़ रुपये (लगभग 1 अरब डॉलर) का निवेश करेगी।
NXP Semiconductors के CEO, Kurt Sievers ने कहा, "हम अपनी R&D की गतिविधियों को अगले कुछ सालों में दोगुना करने जा रहे हैं और इसके लिए 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेंगे।" उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी ऑटोमोटिव सेक्टर और अन्य इंडस्ट्रीज के साथ सक्रिय बातचीत कर रही है। भारत में NXP के चार डिजाइन सेंटर हैं, जहां लगभग 3,000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। AMD और Nvidia जैसी बड़ी कंपनियों ने भी भारत में रिसर्च और डिजाइन सेंटर स्थापित किए हैं। अनुमान है कि भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट 2026 तक 63 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक सेमीकंडक्टर कॉन्फ्रेंस में कहा था, "भारत की चिप डिजाइनिंग टैलेंट में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है और यह तेजी से बढ़ रही है। हम इंजीनियर्स, टेक्निशियंस और R&D एक्सपर्ट्स की एक मजबूत वर्कफोर्स तैयार कर रहे हैं।" इस साल फरवरी में सरकार ने तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिन पर लगभग 15 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा।
पिछले हफ्ते, अडानी ग्रुप और इजरायल की Tower Semiconductor ने महाराष्ट्र में एक सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए साझेदारी की घोषणा की। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 10 अरब डॉलर का निवेश होगा। भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाना है। महाराष्ट्र में प्रस्तावित प्लांट की प्रारंभिक क्षमता 40,000 वेफर्स की होगी। अडानी ग्रुप की यह नई क्षेत्र में एंट्री है, जहां पहले से उनकी मौजूदगी पोर्ट्स और ट्रांसमिशन के व्यवसाय में है। अमेरिका और चीन के बीच तनाव के कारण सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं, जिसका लाभ भारत, सिंगापुर और मलेशिया को मिलने की संभावना है।

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