NPS Vatsalya एक खास पेंशन स्कीम है, जो माता-पिता को अपने बच्चों के भविष्य के लिए निवेश करने का मौका देती है। इस स्कीम के तहत आप अपने बच्चे के लिए तब तक पैसे जमा कर सकते हैं जब तक वो 18 साल का नहीं हो जाता। इसे सरकार ने 23 जुलाई को लॉन्च किया था और यह 18 सितंबर से उपलब्ध है। जब आपका बच्चा 18 साल का होगा, तो यह स्कीम एक रेगुलेटेड पेंशन अकाउंट में बदल जाएगी। इसका उद्देश्य लंबे समय में आपके बच्चे के लिए एक बड़ा फंड तैयार करना है।
ध्यान रखें, चूंकि यह एक पेंशन स्कीम है, इसलिए बच्चे को पैसे की एकमुश्त रकम तब मिलेगी जब वो 60 साल का होगा। बाकी राशि का उपयोग उसकी पेंशन के लिए एन्युटी खरीदने में किया जाएगा। तो सवाल यह है कि क्या माता-पिता अपने बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए बड़े फंड की तैयारी करेंगे, या उसके रिटायरमेंट के खर्चों के लिए निवेश पर ध्यान देंगे?
इन परिस्थितियों को देखते हुए, यह संभावना कम है कि कोई माता-पिता बच्चों के उच्च शिक्षा के खर्च की तैयारी से पहले उनके रिटायरमेंट के लिए निवेश करने का सोचेंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चे के रिटायरमेंट के लिए निवेश शुरू करने से पहले, अधिकांश माता-पिता अपनी खुद की रिटायरमेंट की योजनाओं पर ध्यान देना चाहेंगे। कई अध्ययनों से यह स्पष्ट हो चुका है कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले ज्यादातर लोगों की रिटायरमेंट सेविंग्स पर्याप्त नहीं हैं।
उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत
आजकल उच्च शिक्षा बहुत महंगी होती जा रही है, और इससे कई माता-पिता चिंतित हैं। खासकर वो माता-पिता जो अपने बच्चों को विदेश भेजने का सोच रहे हैं। एचएसबीसी की एक स्टडी के अनुसार, लगभग 78% संपन्न माता-पिता अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजना चाहते हैं या भेज चुके हैं। यदि भारत में उच्च शिक्षा के खर्च की बात करें, तो मेडिकल, इंजीनियरिंग और MBA जैसे कोर्सेस के लिए लाखों रुपये की जरूरत होती है।
इसलिए, यह सही समय है कि आप अपनी प्राथमिकताओं को समझें और योजना बनाएं, ताकि आपके बच्चे का भविष्य सुरक्षित रहे।
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