इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को होगा। इसके अगले दिन, यानी 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी, जो 12 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन समाप्त होगी। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है, जिससे देवी मां डोली पर सवार होकर आएंगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जो इस तिथि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। और नवरात्रि का दसवां दिन दशहरा के रूप में मनाया जाता है, जिसमें मां दुर्गा की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि को सबसे बड़े नवरात्रि पर्वों में से एक माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर, मंगलवार को मध्यरात्रि 12:18 बजे से शुरू होगी और यह 4 अक्टूबर को रात 2:58 बजे तक चलेगी। उदयातिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होगी।
घटस्थापना का मुहूर्त
घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:15 से 7:22 बजे तक रहेगा, जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 से 12:33 बजे तक होगा।
पूजन विधि
नवरात्रि के पहले दिन व्रत का संकल्प लेना बेहद जरूरी है। संकल्प के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इसे कलश पर स्थापित किया जाता है। इस दिन कलश पर कुल देवी की तस्वीर भी लगानी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और इस दौरान अखंड ज्योति प्रज्वलित रखें।
नवरात्रि का पर्व आपके लिए खुशियों और समृद्धि का संदेश लेकर आए।
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