भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक नई ऊंचाई को छू लिया है। अब UPI दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है, जिसने अमेरिका, चीन और ब्राज़ील के पेमेंट सिस्टम्स को पछाड़ दिया है। अगस्त में UPI ने 14.96 अरब लेनदेन का रिकॉर्ड बनाया, जो पिछले साल की तुलना में 41 फीसदी अधिक है। इससे कुल लेनदेन की राशि 20.61 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो कि एक साल पहले के मुकाबले 31 फीसदी अधिक है, और यह जानकारी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा प्रदान की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने UPI के माध्यम से होने वाला रोजाना लेनदेन 66,475 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पिछले चार महीनों में यह हर महीने 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। जुलाई में UPI के लेनदेन की कुल राशि 20.64 लाख करोड़ रुपये थी, और लेनदेन की संख्या 14.44 अरब थी। NPCI के आंकड़ों से पता चलता है कि लोग रोजाना औसतन 466 मिलियन लेनदेन कर रहे हैं, और इस दौरान 66,590 करोड़ रुपये का ट्रांसफर किया गया।
UPI की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, हर महीने 60 लाख नए यूज़र्स इसमें शामिल हो रहे हैं। NPCI ने भविष्य में रोजाना 1 अरब UPI लेनदेन का लक्ष्य भी रखा है। इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच UPI के माध्यम से लगभग 81 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए, जो साल दर साल 37 फीसदी की वृद्धि दर्शाते हैं। दुनिया में किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इतना लेनदेन नहीं हो रहा है।
चीन और ब्राज़ील भी UPI की तेजी से पीछे रह गए हैं। ग्लोबल पेमेंट्स हब, Pexicoor के आंकड़ों के अनुसार, UPI ने प्रति सेकंड 3,729.1 लेनदेन प्रोसेस किए, जो 2022 में 2,348 लेनदेन से 58 फीसदी अधिक है। इस संख्या ने चीन के Alipay, PayPal और ब्राज़ील के PIX को पीछे छोड़ दिया है।
भारत में डिजिटल पेमेंट्स के मामले में हम दुनिया के अग्रणी हैं। यहां 40 फीसदी से अधिक पेमेंट डिजिटल तरीके से किए जाते हैं, और इनमें से अधिकांश के लिए UPI का उपयोग हो रहा है।
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