जम्मू में शुरू हुआ 10 दिवसीय झिरी मेला - MSD News

This website of MSD News makes the students preparing for government jobs aware of the current affairs and latest news of the country.

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

अपनी पसंदीदा भाषा में पढ़ने के लिए भाषा का चयन करें

जम्मू में शुरू हुआ 10 दिवसीय झिरी मेला

Jhiri fair

जम्मू में 10 दिवसीय झिरी मेला धूमधाम से शुरू हो चुका है, जो इस बार खास रूप से 16वीं शताबदी के महान डोगरा नायक बाबा जित्तो के बलिदान और उनके संघर्ष को समर्पित है। बाबा जित्तो, जो एक ब्राह्मण किसान थे, इन्होने अपने जीवन में अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया और इस दौरान शहीद हो गए। उनके साहस, ईमानदारी और एकता के मूल्यों उस समय के समाज को प्रभावित किया।
यह मेला बाबा जित्तो की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अद्भुत अवसर है, जो हर साल जम्मू में आयोजित किया जाता है। इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जो न केवल क्षेत्रीय कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि एकता और ईमानदारी जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक संदेशों को भी फैलाते हैं।

20 लाख आगंतुकों का आकर्षण

झिरी मेला जम्मू की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखता है और हर साल लगभग 20 लाख लोग यहां आते हैं। यह मेला स्थानीय कारीगरों और कलाकारों के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित कर सकते हैं। इसके अलावा, किसानों के लिए सरकारी योजनाओं और मदद से जुड़ी जानकारी भी दी जाती है, जिससे उन्हें अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर बनाने के नए तरीके और संसाधन मिलते हैं।

जम्मू की विरासत और संस्कृति की सुंदरता

झिरी मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह जम्मू की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का भी एक अहम जरिया है। यह मेला दर्शाता है कि कैसे एकता, साहस और संघर्ष के विचारों को आगे बढ़ाया जा सकता है, जबकि समृद्ध लोक कला और पारंपरिक कौशल को भी बढ़ावा मिलता है।
आइए, इस मेले में भाग लें और बाबा जित्तो के बलिदान के बारे में जानें, साथ ही जम्मू की संस्कृति और कृषि के लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ उठाएं।

झिरी मेला के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न(FAQs) और उनके उत्तर

1. झिरी मेला किसके बलिदान को समर्पित है?
उत्तर: झिरी मेला 16वीं शताबदी के डोगरा नायक बाबा जित्तो के बलिदान को समर्पित है, जो एक ब्राह्मण किसान थे और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते हुए शहीद हो गए।

2. बाबा जित्तो ने किस प्रकार के मूल्यों को बढ़ावा दिया?
उत्तर: बाबा जित्तो ने एकता, ईमानदारी और साहस जैसे मूल्यों को बढ़ावा दिया, जो आज भी समाज में प्रासंगिक हैं।

3. झिरी मेला स्थानीय कारीगरों के लिए किस रूप में कार्य करता है?
उत्तर: झिरी मेला स्थानीय कारीगरों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जहाँ वे अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित कर सकते हैं।

4. इस मेले में किसानों के लिए कौन सी जानकारी दी जाती है?
उत्तर: इस मेले में किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर बना सकें।

5. झिरी मेला किसलिए महत्वपूर्ण है?
उत्तर: झिरी मेला जम्मू की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के साथ-साथ बाबा जित्तो के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह मेला एकता, साहस और ईमानदारी के मूल्यों को बढ़ावा देता है और समाज में सामूहिक चेतना को जागरूक करता है।

6. झिरी मेला में किस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं?
उत्तर: झिरी मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो क्षेत्रीय कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं और सामाजिक संदेशों जैसे एकता और ईमानदारी को फैलाते हैं।

7. झिरी मेला किसका सम्मान करता है?
उत्तर: झिरी मेला बाबा जित्तो के बलिदान और उनके संघर्ष का सम्मान करता है, जिन्होंने अपने जीवन में अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया और शहीद हो गए।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts

Post Bottom Ad

Pages