मोहाली एयरपोर्ट पर वर्तमान में कोई अंतर्राष्ट्रीय उड़ान नहीं है, तथा पंजाब के यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए दिल्ली जाना पड़ता है। मोहाली से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की संख्या बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है, क्योंकि चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर केवल दो अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित होती हैं।
2015 में मोहाली एयरपोर्ट पर अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की कम संख्या के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, जिसमें कहा गया कि यातायात की मांग तथा स्लॉट की उपलब्धता के आधार पर उड़ान संचालन का निर्णय सरकार नहीं, बल्कि एयरलाइंस करती हैं। अदालत में केंद्र सरकार के जवाब ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार की नीति नहीं बल्कि एयरलाइंस के फैसले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या निर्धारित करते हैं।
यह मुद्दा मोहाली में अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल की कमी तथा सीमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ान विकल्पों के कारण पंजाब, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव से भी जुड़ा है। बार-बार अनुरोध के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ है और यात्रियों को अभी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए दिल्ली जाना पड़ता है।
अदालत मोहाली से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कमी के कारण स्थानीय अर्थव्यवस्था और यात्री सेवाओं पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव की भी समीक्षा कर रही है। मामले पर अगली सुनवाई 14 नवंबर को होनी है और केंद्र सरकार ने एयरलाइन के फैसलों का हवाला देते हुए खुद को इस मुद्दे से अलग कर लिया है।
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