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Friday, 15 November 2024

भारतीय नौसेना का 'सी विजिल-24' अभ्यास: तटीय सुरक्षा में नई पहल

Indian Navy

भारत की समुद्री सीमा की सुरक्षा और तटीय रक्षा को मजबूत करने के लिए भारतीय नौसेना 20-21 नवंबर, 2024 को चौथा पैन-इंडिया तटीय रक्षा अभ्यास 'सी विजिल-24' (Sea Vigil-24) आयोजित करेगी। यह विशाल अभ्यास देश की तटीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जांच करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय समुद्र तट पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
इस अभ्यास में कुल छह मंत्रालयों और 21 संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो समग्र तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। इसमें सभी तटीय राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह भी शामिल हैं।

तटीय सुरक्षा और तैयारी का मूल्यांकन

'सी विजिल-24' का मुख्य उद्देश्य तटीय रक्षा और सुरक्षा की तैयारियों का मूल्यांकन करना है। यह तटीय रक्षा और सुरक्षा तत्परता मूल्यांकन (CDSRE) चरण, तटीय रक्षा बुनियादी ढांचे का गहन ऑडिट करेगा। यह अभ्यास न केवल भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि तटीय समुदायों की सुरक्षा के लिए स्थानीय तंत्र की कार्यक्षमता को भी जांचेगा।

सामूहिक प्रयास

इस वर्ष की विशेषता यह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारी पहली बार CDSRE टीमों में शामिल होंगे। राज्य समुद्री पुलिस, तटरक्षक बल और मत्स्य पालन विभाग के साथ मिलकर ये अधिकारी तटीय सुरक्षा के तंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

तटीय संपत्तियों की रक्षा

'सी विजिल-24' का प्रमुख उद्देश्य तटीय संपत्तियों की रक्षा करना और उन्हें प्राकृतिक और मानव निर्मित खतरों से सुरक्षित रखना है। इसमें भारतीय सेना, वायु सेना और मछली पकड़ने वाले समुदाय भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि तटीय क्षेत्रों के निवासियों और समुदायों के लिए भी अहम साबित होगा, जो समुद्री सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़े हैं।


'सी विजिल-24' अभ्यास के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर


1. 'सी विजिल-24' अभ्यास का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: 'सी विजिल-24' का मुख्य उद्देश्य भारत की तटीय सुरक्षा और रक्षा की तैयारियों का मूल्यांकन करना है। यह अभ्यास तटीय संपत्तियों की रक्षा, तटीय राज्यों और समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, और तटीय बुनियादी ढांचे का ऑडिट करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।

2. 'सी विजिल-24' अभ्यास में कौन-कौन सी संस्थाएं शामिल हैं?**
उत्तर: 'सी विजिल-24' अभ्यास में कुल छह मंत्रालयों और 21 संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा, इसमें सभी तटीय राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह भी शामिल हैं।

3. तटीय रक्षा और सुरक्षा तत्परता मूल्यांकन (CDSRE) का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: CDSRE का उद्देश्य तटीय सुरक्षा की तैयारियों का मूल्यांकन करना और तटीय रक्षा बुनियादी ढांचे का ऑडिट करना है। इस चरण में भारतीय नौसेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तटीय क्षेत्र की सुरक्षा में किसी भी कमजोरियों को पहचानने और उन्हें सुधारने का प्रयास किया जाता है।

4. इस वर्ष 'सी विजिल-24' अभ्यास में क्या नया बदलाव हुआ है?
उत्तर: इस वर्ष की विशेषता यह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारी पहली बार CDSRE टीमों में शामिल होंगे। इसके अलावा, राज्य समुद्री पुलिस, तटरक्षक बल और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी भी इस अभ्यास का हिस्सा होंगे, जो तटीय सुरक्षा के तंत्र को मजबूत करेंगे।

5. 'सी विजिल-24' अभ्यास में कौन से समुदायों का योगदान है?
उत्तर: इस अभ्यास में भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और मछली पकड़ने वाले समुदायों का योगदान भी होगा। मछली पकड़ने वाले समुदाय स्थानीय तटीय सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे, क्योंकि वे सीधे तौर पर समुद्र से जुड़े होते हैं।

6. 'सी विजिल-24' का आयोजन कब और कहां किया जाएगा?
उत्तर: 'सी विजिल-24' अभ्यास 20-21 नवंबर, 2024 को आयोजित किया जाएगा। यह एक पैन-इंडिया अभ्यास है, जो पूरे देश के तटीय क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को कवर करेगा।

7. 'सी विजिल-24' का राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या असर होगा?
उत्तर: 'सी विजिल-24' अभ्यास भारत की तटीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा, जिससे समुद्री आतंकवाद, अवैध गतिविधियों और अन्य खतरों से निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो तटीय संपत्तियों और समुद्र तटों को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

8. तटीय सुरक्षा में स्थानीय समुदायों का क्या योगदान है?
उत्तर: तटीय सुरक्षा में स्थानीय समुदायों, खासकर मछली पकड़ने वाले समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान है। वे समुद्री गतिविधियों और किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में पहले जानकारी प्राप्त करते हैं, जिससे तटीय सुरक्षा तंत्र को समय रहते सूचना मिलती है और त्वरित कार्रवाई की जा सकती है।

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