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राष्ट्रीय प्रेस दिवस: प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का महत्व

National Press Day

भारत में हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो भारतीय पत्रकारिता की स्वतंत्रता और उसकी जिम्मेदारी को बनाए रखने के लिए कार्य करता है। यह दिन प्रेस की लोकतांत्रिक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है और इसके माध्यम से हम पत्रकारिता के नैतिक दायित्वों को समझते हैं।

प्रेस की स्वतंत्रता का महत्व

हमारे लोकतंत्र में, प्रेस को अक्सर "चौथा स्तंभ" माना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकार की नीतियों और कार्यों पर निगरानी रखना और नागरिकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। प्रेस समाज में जागरूकता फैलाने, सच्चाई को उजागर करने और जनहित में आवाज उठाने का कार्य करती है। यही कारण है कि प्रेस की स्वतंत्रता को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि वह अपने दायित्वों को बिना किसी दबाव के निभा सके।

भारतीय प्रेस परिषद: एक महत्वपूर्ण संस्था

भारतीय प्रेस परिषद (Press Council of India) एक सांविधिक अर्ध-न्यायिक स्वायत्त प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम, 1965 के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता और कार्य की गुणवत्ता को बनाए रखना और पत्रकारिता के मानकों को सुधारना है। यह परिषद 1979 में प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 के तहत फिर से स्थापित की गई थी और इसमें एक अध्यक्ष और 28 सदस्य होते हैं।

भारतीय प्रेस परिषद का उद्देश्य

  1. प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा: यह सुनिश्चित करना कि प्रेस को किसी भी तरह की बाधा या दबाव का सामना न करना पड़े।
  2. मानकों का पालन: समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और सुधारना।
  3. नैतिक जिम्मेदारी: पत्रकारिता में नैतिकता और सत्यता को बढ़ावा देना और हर स्तर पर पत्रकारों को अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार बनाना।

राष्ट्रीय प्रेस दिवस का महत्व
राष्ट्रीय प्रेस दिवस का उद्देश्य न केवल प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करना है, बल्कि पत्रकारिता में जिम्मेदारी और नैतिकता को भी प्राथमिकता देना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि प्रेस को स्वतंत्रता तो मिलनी चाहिए, लेकिन इसके साथ-साथ उसे अपने कार्यों में नैतिकता और जिम्मेदारी का भी पालन करना चाहिए।
इस विशेष दिन पर, हम सभी को भारतीय प्रेस की अहम भूमिका को समझना चाहिए और उसे सम्मानित करना चाहिए। पत्रकारिता लोकतंत्र का एक अभिन्न हिस्सा है, जो समाज को जागरूक करने और सच्चाई के पक्ष में खड़ा होने का कार्य करती है। आइए, हम सभी इस दिन को एक अवसर के रूप में लें और भारतीय प्रेस के योगदान को सराहें।



राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2024: प्रश्नोत्तर(Q&A)


प्रश्न: राष्ट्रीय प्रेस दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?
उत्तर: राष्ट्रीय प्रेस दिवस हर साल 16 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, और इसका उद्देश्य भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखना, उसकी जिम्मेदारी को सुनिश्चित करना और पत्रकारिता के नैतिक दायित्वों को बढ़ावा देना है।

प्रश्न: भारतीय प्रेस परिषद क्या है?
उत्तर: भारतीय प्रेस परिषद एक सांविधिक अर्ध-न्यायिक स्वायत्त प्राधिकरण है, जिसकी स्थापना 1966 में भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम 1965 के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना, पत्रकारिता के मानकों को बनाए रखना और सुधार करना है।

प्रश्न: भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य कौन और कितने होते हैं?
उत्तर: भारतीय प्रेस परिषद में एक अध्यक्ष और 28 सदस्य होते हैं। ये सदस्य पत्रकारिता से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों से होते हैं, जैसे कि समाचार पत्र, समाचार एजेंसियां, पत्रकार, और अन्य प्रमुख नागरिक प्रतिनिधि।

प्रश्न: प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ क्यों कहा जाता है?
उत्तर: प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सरकार की नीतियों और कार्यों पर निगरानी रखने के साथ-साथ समाज में सूचना और जागरूकता फैलाने का कार्य करती है। यह नागरिकों को सटीक जानकारी देने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भागीदारी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रश्न: भारतीय प्रेस परिषद के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर: भारतीय प्रेस परिषद के मुख्य उद्देश्य हैं:
  1. प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना।
  2. भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और सुधारना।
  3. पत्रकारिता में नैतिकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।
  4. प्रेस और पत्रकारों के अधिकारों की सुरक्षा करना।

प्रश्न: प्रेस की स्वतंत्रता क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: प्रेस की स्वतंत्रता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा है। स्वतंत्र प्रेस सरकार की नीतियों और कार्यों पर निगरानी रखने, सच्चाई को उजागर करने और समाज में जागरूकता फैलाने का काम करती है। बिना प्रेस की स्वतंत्रता के, नागरिकों को सही जानकारी नहीं मिल पाएगी और लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।

प्रश्न: राष्ट्रीय प्रेस दिवस का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: राष्ट्रीय प्रेस दिवस समाज में पत्रकारिता की अहमियत और उसकी जिम्मेदारी को समझने का एक अवसर प्रदान करता है। इस दिन, हम प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी के महत्व को याद करते हैं, जिससे पत्रकारिता की गुणवत्ता और नैतिकता पर जोर दिया जाता है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में प्रेस के योगदान को भी मान्यता देता है।

प्रश्न: भारतीय प्रेस परिषद का गठन किस वर्ष में हुआ था?
उत्तर: भारतीय प्रेस परिषद का गठन 1966 में हुआ था। इसे भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम 1965 के तहत स्थापित किया गया था और फिर 1979 में इसे प्रेस परिषद अधिनियम 1978 के तहत पुनः स्थापित किया गया।

प्रश्न: राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का सम्मान करना है। यह दिन हमें पत्रकारिता की महत्ता और नैतिक दायित्वों को समझने का अवसर देता है, ताकि पत्रकारिता समाज के लिए बेहतर कार्य कर सके।

प्रश्न: क्या राष्ट्रीय प्रेस दिवस केवल पत्रकारों के लिए है?
उत्तर: नहीं, राष्ट्रीय प्रेस दिवस केवल पत्रकारों के लिए नहीं है। यह दिन समाज के सभी नागरिकों के लिए है, ताकि वे प्रेस की स्वतंत्रता, उसके कार्यों और जिम्मेदारियों के महत्व को समझ सकें। यह लोकतंत्र में प्रेस के योगदान को मान्यता देने और उसकी भूमिका को पहचानने का अवसर है।

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