कोरोना के बाद से लोगों की सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ी है। अब लोग ताजे और केमिकल-फ्री फल-सब्जियां खाना ज्यादा पसंद करते हैं। बाजार की सब्जियों में केमिकल खादों का इस्तेमाल होता है, जिससे हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में किचन गार्डनिंग एक शानदार विकल्प बन गया है।
किचन गार्डनिंग से ऑर्गेनिक सब्जियां उगाने के टिप्स
अगर आप किचन गार्डनिंग करते हैं, तो पौधों से बेहतर उत्पादन पाने के लिए मिट्टी में जरूरी पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होनी चाहिए। यहां जानिए कुछ आसान और असरदार टिप्स:
मिट्टी की तैयारी में इन चीजों का करें उपयोग
- वर्मी कम्पोस्ट: यह मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए बेहतरीन विकल्प है।
- रेत: मिट्टी में रेत मिलाने से जल निकासी बेहतर होती है।
- किचन वेस्ट: बची हुई सब्जियां और छिलके खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
खाद और पानी का सही संतुलन रखें
- पौधों में हर 30-45 दिन में 1-2 चम्मच ऑर्गेनिक खाद डालें।
- सिंचाई का ध्यान रखें। पहली बार हल्की सिंचाई करें और उसके बाद तब पानी दें जब मिट्टी सूखी लगे।
- पानी की अधिकता से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं।
पौधों को कीटों से बचाएं
- प्राकृतिक कीटनाशक: नीम की पत्तियों को उबालकर स्प्रे करें या छाछ का छिड़काव करें।
- केमिकल कीटनाशकों का उपयोग न करें।
सूरज की रोशनी का रखें ध्यान
पौधों को ऐसी जगह लगाएं जहां सूर्य की पर्याप्त रोशनी पहुंचे। छांव में कीटों और फंगस का खतरा बढ़ जाता है।
समय पर देखभाल करें
किचन गार्डन के पौधों को तीन-चार महीने तक विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस दौरान खाद और पानी देने का सही तरीका अपनाएं।
इन आसान तरीकों को अपनाने से आपके पौधे तेजी से ग्रो करेंगे और सब्जियों से लद जाएंगे। घर पर उगाई गई ये ताजी और केमिकल-फ्री सब्जियां न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं।
तो देर किस बात की, आज ही अपना किचन गार्डन शुरू करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
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