भारत में नौकरीपेशा लोगों के लिए PF अकाउंट (Provident Fund) एक महत्वपूर्ण बचत योजना है, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) मैनेज करता है। हर महीने कर्मचारी और कंपनी दोनों 12% वेतन का योगदान PF अकाउंट में करते हैं। इस बचत का एक हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है, जिससे भविष्य में पेंशन का लाभ मिलता है।
पेंशन पाने के लिए 10 साल का योगदान जरूरी
EPFO के नियमों के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी 10 साल तक लगातार PF में योगदान करता है, तो वह पेंशन का हकदार बन जाता है। नौकरी छोड़ने या बदलने के बावजूद पेंशन का यह हक बना रहता है।
क्या होता है जब पूरा PF निकाल लिया जाए?
अगर आप अपने PF अकाउंट से पूरा पैसा निकाल लेते हैं और EPS फंड भी खाली कर देते हैं, तो आपको पेंशन नहीं मिलेगी। इसका मतलब यह है कि EPS फंड को एक्टिव रखना जरूरी है। PF का पूरा पैसा निकालने के बावजूद, अगर EPS फंड बरकरार है, तो पेंशन का लाभ मिल सकता है।
पेंशन क्लेम करने की उम्र
EPFO के नियम के तहत, जो कर्मचारी 10 साल तक PF में योगदान देता है, वह 50 साल की उम्र के बाद पेंशन क्लेम कर सकता है। अगर 58 साल की उम्र तक EPS फंड को छुआ नहीं गया है, तो पेंशन की राशि और बढ़ जाती है।
मुख्य बातें जो ध्यान में रखें
- EPS फंड न निकालें: पेंशन का लाभ लेने के लिए EPS फंड को सुरक्षित रखें।
- नियमित योगदान: कम से कम 10 साल तक PF में योगदान करें।
- पेंशन क्लेम की सही उम्र पर ध्यान दें: पेंशन क्लेम के लिए 50 या 58 साल की उम्र का इंतजार करें।
इसलिए, अगर आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन का फायदा चाहिए, तो PF अकाउंट से EPS का पैसा न निकालें और EPFO के नियमों का पालन करें।
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