अंतरिक्ष की दुनिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और बड़ी सफलता की ओर बढ़ रहा है, और दुनिया की निगाहें अब इस मिशन पर टिकी हुई हैं। जी हां, 30 दिसंबर को ISRO का PSLV-C60 रॉकेट स्पेडेक्स मिशन (SPADEX) के साथ अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाला है। इस मिशन के साथ भारत अपने स्पेस स्टेशन की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाएगा, और अंतरिक्ष में डॉकिंग की क्षमता को हासिल करेगा।
क्या है SPADEx मिशन?
स्पेडेक्स मिशन में दो छोटे अंतरिक्ष यान – SDX01 चेजर और SDX02 टारगेट – एक-दूसरे से जुड़ने और अलग होने की प्रक्रिया को दिखाएंगे। इन दोनों यानों को पृथ्वी की निचली कक्षा में एक दूसरे के पास लाकर, एक सुरक्षित और प्रभावहीन तरीके से जोड़ने की तकनीक का परीक्षण किया जाएगा। इसमें इस्तेमाल होने वाला 'लो-इम्पैक्ट सिस्टम' यह सुनिश्चित करेगा कि जब दोनों यान आपस में जुड़ें, तो कोई नुकसान न हो, बिल्कुल वैसे जैसे दो गाड़ियां धीरे-धीरे टकराकर बिना किसी खरोंच के एक दूसरे से जुड़ जाएं।
इस मिशन का महत्व:
इस मिशन से ISRO के डॉकिंग तकनीक में सुधार होगा, जो भविष्य में अंतरिक्ष यानों को जोड़ने और अलग करने में मदद करेगा। इसके साथ ही, यह मिशन अंतरिक्ष में प्राकृतिक संसाधनों की निगरानी करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। इस मिशन में शामिल हाई-रेजोल्यूशन कैमरा और मल्टी-स्पेक्ट्रल उपकरणों से अंतरिक्ष में नई जानकारियां हासिल की जा सकेंगी, जो पूरी दुनिया के लिए फायदे की बात होगी।
तो अब 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C60 रॉकेट के लॉन्च होने का इंतजार करें, क्योंकि इस मिशन से भारत का अंतरिक्ष यात्रा का सफर और भी रोचक होने वाला है।
No comments:
Post a Comment