भारत और भूटान के बीच ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करने के लिए पनबिजली परियोजनाओं पर चर्चा हुई। इनमें प्रमुख रूप से पुनात्सांगचू-II परियोजना का उल्लेख किया गया, जो भूटान के वांगडू फोडरंग जिले में स्थित है। यह परियोजना 1 गीगावाट की रन-ऑफ-द-रिवर पनबिजली परियोजना है, जो दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग का प्रतीक है।
परियोजना की विशेषताएं
- वित्तपोषण: पुनात्सांगचू-II परियोजना को भारत ने 30% अनुदान और 70% ऋण के जरिए वित्त पोषित किया है।
- ढांचा: इसमें 91 मीटर ऊंचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध, एक डायवर्जन सुरंग और दो कॉफ़रडैम शामिल हैं।
- उत्पादन क्षमता: परियोजना सालाना 4,357 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करेगी।
- स्वामित्व हस्तांतरण: कमीशनिंग के दो साल बाद यह परियोजना भूटान सरकार को हस्तांतरित कर दी जाएगी।
भारत-भूटान सहयोग के फायदे
- ऊर्जा सुरक्षा: इस परियोजना से भूटान को स्वच्छ ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत मिलेगा, जिससे उसकी ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी।
- आर्थिक विकास: बिजली उत्पादन से भूटान को अतिरिक्त आय होगी, जिससे आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
- दोस्ती का प्रतीक: यह परियोजना भारत और भूटान के बीच गहरी दोस्ती और परस्पर सहयोग का उदाहरण है।
पुनात्सांगचू-II परियोजना न केवल भूटान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी बल्कि भारत और भूटान के बीच संबंधों को भी और मजबूती देगी। स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
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