किसान कवच भारत का पहला कीटनाशक रोधी बॉडीसूट है, जिसका उद्देश्य किसानों को कीटनाशकों के दुष्प्रभावों से बचाना है। इसे केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में अनावरण किया और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृषि में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। किसान कवच के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान किसानों को इस बॉडीसूट का पहला बैच वितरित किया गया था। डॉ. जितेंद्र सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि इस बॉडीसूट के उत्पादन में वृद्धि से यह पूरे भारत में किसानों के लिए अधिक सुलभ होगा।
किसान कवच का विकास किसने किया
किसान कवच का विकास बैंगलोर में BRIC-inStem और सेपियो हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से किया गया है। यह सूट किसानों की श्वसन समस्याओं और दृष्टि दोष जैसे स्वास्थ्य जोखिमों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है।
किसान कवच की प्रमुख विशेषताएँ
किसान कवच एक धोने योग्य और पुनः उपयोग करने योग्य बॉडीसूट है जिसकी कीमत ₹4,000 है। इसकी उम्र एक साल तक होती है। यह सूट संपर्क में आने पर कीटनाशकों को निष्क्रिय कर देता है, जिससे किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
किसान कवच में कौन सी तकनीक का किया गया इस्तेमाल
किसान कवच के कपड़े में एक अनोखी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें कपास से न्यूक्लियोफाइल को जोड़ा जाता है। यह तकनीक कीटनाशकों को संपर्क में आते ही निष्क्रिय कर देती है।
इस बॉडीसूट का किसानों पर क्या पड़ेगा प्रभाव
किसान कवच का उद्देश्य भारत की 65% आबादी, जो कृषि पर निर्भर है, को सुरक्षा प्रदान करना है। इस सूट के माध्यम से किसानों को कीटनाशकों से बचाव मिलेगा और यह कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देगा। इसके उत्पादन में वृद्धि होने के साथ, यह सूट और किफायती होगा और पूरे देश के किसानों के लिए उपलब्ध हो सकेगा।
इस परियोजना में सरकार का क्या योगदान
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस परियोजना को सफल बनाने में जैव प्रौद्योगिकी विभाग और ब्रिक-इनस्टेम की सराहना की है। मोदी सरकार कृषि में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और किसान कवच जैसी पहल इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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