महाकुंभ 2025, संगम नगरी प्रयागराज में आस्था और टेक्नोलॉजी का अद्भुत संगम साबित होने जा रहा है। 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस विश्व प्रसिद्ध आयोजन में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। लेकिन इस बार खास बात यह है कि श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए पहली बार एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
AI से होगी सटीक गिनती
योगी सरकार ने इस ऐतिहासिक आयोजन को आधुनिक बनाने के लिए कई इनोवेटिव कदम उठाए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 744 अस्थायी और 1107 स्थायी सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है। इन कैमरों की मदद से एआई आधारित क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लगाए गए हैं, जो रियल टाइम में डेटा प्रोसेस करेंगे। यह तकनीक भीड़ की घनत्व का विश्लेषण कर हेडकाउंट का अनुमान 95% तक सटीकता के साथ लगाएगी।
RFID रिस्टबैंड और मोबाइल एप्स की भूमिका
हेडकाउंट को और सटीक बनाने के लिए तीर्थयात्रियों को RFID रिस्टबैंड दिए जाएंगे। ये रिस्टबैंड यह ट्रैक करेंगे कि श्रद्धालु मेला क्षेत्र में कितनी देर तक रुके। इसके अलावा, मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए जीपीएस लोकेशन से भी डेटा कलेक्ट किया जाएगा। इन तीन प्रमुख विधियों AI कैमरा, RFID, और GPS के तालमेल से महाकुंभ में आने वाले हर श्रद्धालु की गिनती सुनिश्चित होगी।
क्यों है यह कदम खास?
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में इतनी सटीक गिनती पहले कभी नहीं हुई। यह पहल न केवल आस्था के इस महोत्सव को मॉडर्न टेक्नोलॉजी से जोड़ती है, बल्कि दुनिया में किसी भी बड़े धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन के लिए नई मिसाल कायम करेगी।
मेला प्रशासन की तैयारियां
अधिकारियों ने क्राउड मैनेजमेंट के लिए झूंसी और अरैल क्षेत्रों में व्यूइंग सेंटर बनाए हैं। यहां से रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। तकनीकी टीम ने "टर्नअराउंड साइकिल" नाम की एक विशेष विधि भी अपनाई है, जिससे सुनिश्चित किया जाएगा कि एक व्यक्ति को बार-बार काउंट न किया जाए।
श्रद्धालुओं के लिए क्या खास?
- सुरक्षा: हर श्रद्धालु की मूवमेंट ट्रैक होने से भीड़ प्रबंधन बेहतर होगा।
- सुविधा: 100 से अधिक पार्किंग स्थलों पर भी सीसीटीवी लगाए गए हैं, जिससे ट्रैफिक और पार्किंग की समस्याएं कम होंगी।
- डिजिटल अनुभव: मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से रियल टाइम अपडेट्स और लोकेशन ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगी।
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि टेक्नोलॉजी के साथ एक नए युग की शुरुआत भी करेगा। यह कदम भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान देने के साथ ही तकनीकी नवाचार का प्रतीक भी बनेगा।
तो आइए, इस अद्भुत अनुभव का हिस्सा बनें और आस्था के साथ टेक्नोलॉजी के इस संगम को नजदीक से देखें
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