भारत में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल कई लोगों को गंभीर चोटें आती हैं, और उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक नई कैशलेस उपचार योजना की शुरुआत की है। यह योजना मोटर वाहनों के कारण होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कवर करेगी, और इसका फायदा उठाने के लिए किसी भी तरह की कैश पेमेंट की जरूरत नहीं होगी।
यह योजना eDAR और NHA सिस्टम को एक साथ जोड़कर IT प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू की जाएगी, जिससे दुर्घटना के पीड़ितों को समय पर और आसान तरीके से इलाज मिल सकेगा।
2024 में चंडीगढ़ में पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू हुई यह योजना अब देश के 6 राज्यों में विस्तारित की जा चुकी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गोल्डन ऑवर यानी सड़क दुर्घटना के बाद पहले घंटे में पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।
इसके साथ ही, सड़क सुरक्षा के लिए कई अन्य अहम पहलुओं को भी लागू किया गया है, जैसे:
- उन्नत चालक सहायता प्रणाली (ADAS), खासकर ट्रकों के लिए
- ई-रिक्शा सुरक्षा दिशानिर्देश
- वाहन ट्रैकिंग डिवाइस और
- चालक प्रशिक्षण संस्थान
आगे आने वाले समय में, मार्च 2025 तक देश भर में वाहन पंजीकरण और निगरानी के लिए फेसलेस सेवाओं को मानकीकृत किया जाएगा। यह कदम सड़क सुरक्षा और नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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