जालंधर: जिला मैजिस्ट्रेट डा. हिमांशु अग्रवाल ने आज एक अहम आदेश जारी करते हुए जिले में चाइना डोर, मांझा और इनसे जुड़े सभी उत्पादों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। ये पाबंदी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 163 के तहत लागू की गई है। इसके तहत चाइना डोर, नायलॉन, प्लास्टिक या सिंथेटिक सामग्री से बनी कोई भी डोर या धागा, जो पतंग उड़ाने में इस्तेमाल होता है, उसका निर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद, सप्लाई, आयात और उपयोग पूरी तरह से निषिद्ध होगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन पर 5 साल तक की सजा या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, या फिर दोनों सजा एक साथ दी जा सकती है।
यह आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत भी लागू किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यावरण और लोगों की सुरक्षा बरकरार रहे। डा. हिमांशु अग्रवाल ने यह भी कहा कि अब केवल सूती धागे से बनी पतंग उड़ाने की अनुमति होगी, और वह भी बिना किसी तेज धातु या कांच से सुसज्जित हो। यह आदेश 14 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगा।
यह कदम पतंग उड़ाने के शौकिनों और आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना हो और पर्यावरण पर भी कोई बुरा असर न पड़े।
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