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पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की लिस्ट: सम्मानित व्यक्तित्वों की विविधता

Padma Vibhushan

पद्म विभूषण भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक है, जिसे प्रत्येक वर्ष उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने समाज, विज्ञान, कला, साहित्य, खेल, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया हो। 2025 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित व्यक्तियों की लिस्ट ने हमें उन महान व्यक्तित्वों की पहचान दी है जिन्होंने अपने कार्यों से समाज को नई दिशा दी।

1. श्री दुर्वुर नागेश्वर रेड्डी (चिकित्सा, तेलंगाना)
श्री दुर्वुर नागेश्वर रेड्डी ने चिकित्सा क्षेत्र में अपने योगदान से समाज को एक नया दृष्टिकोण दिया है। उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में अनेक शोध और उपचार पद्धतियों का मार्गदर्शन किया है।

2. न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री जगदीश सिंह खेहर (लोक सेवा, चंडीगढ़)
न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर ने अपने न्यायिक कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले दिए, जो भारतीय न्यायपालिका के लिए मील का पत्थर साबित हुए।

3. श्रीमती कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया (कला, गुजरात)
कला क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए श्रीमती कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया को इस पुरस्कार से नवाजा गया है। उनका काम भारतीय कला के समृद्ध इतिहास को और समृद्ध करता है।

4. श्री लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला, कर्नाटक)
कर्नाटकी संगीत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी कला भारतीय संगीत को वैश्विक मंच पर ले जाने में सफल रही है।

5. श्री एम. टी. वासुदेवन नायर (मरणोपरांत, साहित्य और शिक्षा, केरल)
साहित्य के क्षेत्र में श्री एम. टी. वासुदेवन नायर का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। उनकी रचनाएँ हमेशा भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर रहेंगी।

6. श्री ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत, व्यापार और उद्योग, जापान)
ओसामु सुजुकी का व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में वैश्विक प्रभाव था। उन्होंने जापान और भारत के व्यापारिक रिश्तों को मजबूती दी।

7. श्रीमती शारदा सिन्हा (मरणोपरांत, कला, बिहार)
भारत की प्रसिद्ध लोक गायिका श्रीमती शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय संगीत और कला के क्षेत्र में अमूल्य था।

8. श्री ए. सूर्य प्रकाश (साहित्य और शिक्षा - पत्रकारिता, कर्नाटक)
पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता मिलना भारत के मीडिया जगत में एक बडी उपलब्धि है।

9. श्री अनंत नाग (कला, कर्नाटक)
श्री अनंत नाग का कला के क्षेत्र में योगदान बहुत ही प्रभावशाली रहा है। कर्नाटकी थिएटर और फिल्म इंडस्ट्री में उनकी उपस्थिति ने उन्हें एक महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित स्थान दिलाया है।

10. श्री बिबेक देब्रॉय (मरणोपरांत, साहित्य और शिक्षा, एनसीटी दिल्ली)
श्री बिबेक देब्रॉय ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई। उनके विचार और लेखन ने समाज को जागरूक किया और कई महत्वपूर्ण सवालों पर विमर्श को प्रेरित किया।

11. श्री जतीन गोस्वामी (कला, असम)
असम के इस कलाकार ने कला की दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उनका काम भारतीय संस्कृति और कृतियों को एक नई ऊँचाई पर ले गया।

12. श्री जोस चाको पेरियप्पुरम (चिकित्सा, केरल)
चिकित्सा क्षेत्र में श्री जोस चाको पेरियप्पुरम का योगदान अतुलनीय रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई पहल की और कई लोगों की जिंदगियों को बचाया।

13. श्री कैलाश नाथ दीक्षित (अन्य - पुरातत्व, एनसीटी दिल्ली)
पुरातत्व के क्षेत्र में श्री कैलाश नाथ दीक्षित ने भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझने और संजोने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके द्वारा की गई खोजों ने भारतीय प्राचीन धरोहर को समृद्ध किया है।

14. श्री मनोहर जोशी (मरणोपरांत, लोक सेवा, महाराष्ट्र)
लोक सेवा में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। महाराष्ट्र के विकास में उनकी भूमिका अहम रही और उन्होंने भारतीय राजनीति में एक विशिष्ट स्थान बनाया।

15. श्री नल्ली कुप्पुस्वामी चेत्ती (व्यापार और उद्योग, तमिलनाडु)
व्यापार और उद्योग में श्री नल्ली कुप्पुस्वामी चेत्ती का योगदान उल्लेखनीय रहा। उन्होंने भारतीय व्यापार क्षेत्र को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।

16. श्री नंदमुरी बालकृष्ण (कला, आंध्र प्रदेश)
नंदमुरी बालकृष्ण का भारतीय सिनेमा और कला के क्षेत्र में योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने न केवल अभिनय के क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।

17. श्री पी. आर. श्रीजेश (खेल, केरल)
केरल के पी. आर. श्रीजेश ने खेल की दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है। उनका योगदान भारतीय हॉकी को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण रहा है।

18. श्री पंकज पटेल (व्यापार और उद्योग, गुजरात)
व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में श्री पंकज पटेल ने अपने कुशल नेतृत्व और व्यावसायिक निर्णयों से एक सफलता की मिसाल प्रस्तुत की।

19. श्री पंकज उधास (मरणोपरांत, कला, महाराष्ट्र)
पंकज उधास भारतीय संगीत के एक बड़े नाम थे। उनकी ग़ज़लें और संगीत अब भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।

20. श्री रामबहादुर राय (साहित्य और शिक्षा - पत्रकारिता, उत्तर प्रदेश)
पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को सलाम किया गया है। श्री रामबहादुर राय ने भारतीय मीडिया के विकास में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया और समाज में जागरूकता बढ़ाई।

21. साध्वी ऋतंभरा (सामाजिक कार्य, उत्तर प्रदेश)
साध्वी ऋतंभरा ने समाज सेवा और धार्मिक कार्यों में विशेष योगदान दिया है। उनकी शिक्षाएँ और कार्य लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक रही हैं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया, जिससे उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया।

22. श्री एस. अजीत कुमार (कला, तमिलनाडु)
कला के क्षेत्र में श्री एस. अजीत कुमार ने तमिलनाडु और भारत के पारंपरिक संगीत और नृत्य को नए आयाम दिए। उनका योगदान कला की दुनिया में स्थायी छाप छोड़ता है।

23. श्री शेखर कपूर (कला, महाराष्ट्र)
फिल्म निर्देशक और निर्माता श्री शेखर कपूर ने भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी फिल्मों ने न केवल भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

24. सुश्री शोभना चंद्रकुमार (कला, तमिलनाडु)
सुश्री शोभना चंद्रकुमार का योगदान भारतीय नृत्य और कला के क्षेत्र में अद्वितीय रहा है। उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध किया और भारतीय नृत्य को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।

25. श्री सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत, लोक सेवा, बिहार)
लोक सेवा के क्षेत्र में श्री सुशील कुमार मोदी का योगदान महत्वपूर्ण था। उन्होंने बिहार राज्य में वित्तीय सुधारों और सामाजिक कल्याण कार्यों में सक्रिय भाग लिया, जिससे उन्हें इस उच्चतम सम्मान से नवाजा गया।

26. श्री विनोद धाम (विज्ञान और अभियांत्रिकी, अमेरिका)
विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में श्री विनोद धाम ने तकनीकी नवाचार और उन्नति में अहम भूमिका निभाई। उनका योगदान वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।

27. श्री अद्वैत चरण गडनायक (कला, ओडिशा)
ओडिशा के इस कलाकार ने भारतीय कला और संस्कृति में अपना एक अहम स्थान बना लिया। उनकी कला और शिल्प कार्यों ने भारतीय पारंपरिक कला को संरक्षित और सम्मानित किया।

28. श्री अच्युत रामचंद्र पळव (कला, महाराष्ट्र)
कला के क्षेत्र में श्री अच्युत रामचंद्र पळव का योगदान महत्त्वपूर्ण था। उन्होंने भारतीय चित्रकला और मूर्तिकला को नई दिशा दी और कला के प्रति समाज की समझ और सराहना को बढ़ाया।

29. श्री अजय वी. भट्ट (विज्ञान और अभियांत्रिकी, अमेरिका)
विज्ञान और अभियांत्रिकी में श्री अजय वी. भट्ट ने अत्याधुनिक तकनीकों का निर्माण किया जो वैश्विक स्तर पर तकनीकी विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

30. श्री अनिल कुमार बरो (साहित्य और शिक्षा, असम)
श्री अनिल कुमार बरो ने असम की साहित्यिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके लेखन और शैक्षिक योगदान ने असमिया साहित्य को एक नया मुकाम दिलाया।

31. श्री अरिजीत सिंह (कला, पश्चिम बंगाल)
श्री अरिजीत सिंह का नाम भारतीय संगीत उद्योग में सबसे बड़े गायकों में गिना जाता है। उनकी आवाज़ ने न केवल भारतीय दर्शकों का दिल जीता, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें पहचान मिली है।

32. श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य (व्यापार और उद्योग, महाराष्ट्र)
व्यापार और उद्योग में श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। भारतीय बैंकिंग प्रणाली में उनकी भूमिका ने बैंकिंग के क्षेत्र में कई नवाचारों का मार्ग प्रशस्त किया।

33. श्री अरुणोदय साहा (साहित्य और शिक्षा, त्रिपुरा)
साहित्य के क्षेत्र में श्री अरुणोदय साहा का योगदान अद्वितीय है। त्रिपुरा के इस लेखक ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया और साहित्य जगत में महत्वपूर्ण स्थान बनाया।

34. श्री अरविंद शर्मा (साहित्य और शिक्षा, कनाडा)
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में श्री अरविंद शर्मा का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने भारतीय साहित्य को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को बढ़ावा दिया।

35. श्री अशोक कुमार महापात्र (चिकित्सा, ओडिशा)
चिकित्सा के क्षेत्र में श्री अशोक कुमार महापात्र का योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने ओडिशा और भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

36. श्री अशोक लक्ष्मण सराफ (कला, महाराष्ट्र)
कला के क्षेत्र में श्री अशोक लक्ष्मण सराफ का योगदान सशक्त और प्रभावशाली रहा। उनकी कला ने भारतीय शिल्प कला को एक नई दिशा दी और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में अहम भूमिका निभाई।

37. श्री अशुतोष शर्मा (विज्ञान और अभियांत्रिकी, उत्तर प्रदेश)
विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में श्री अशुतोष शर्मा के योगदान ने भारत को तकनीकी क्षेत्र में एक नई पहचान दी। उनकी शोध और नवाचारों ने भारतीय विज्ञान को वैश्विक मंच पर मान्यता दिलाई।

38. श्रीमती अश्विनी भिडे देशपांडे (कला, महाराष्ट्र)
भारतीय संगीत की दुनिया में श्रीमती अश्विनी भिडे देशपांडे का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को नया जीवन और पहचान दी।

39. श्री बैजनाथ महाराज (अन्य - आध्यात्म, राजस्थान)
श्री बैजनाथ महाराज का आध्यात्मिक कार्य समाज में शांति और सशक्तिकरण का स्रोत बनकर उभरा। राजस्थान में उनके द्वारा किए गए धार्मिक कार्य और समाज सुधार की दिशा में योगदान ने उन्हें इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा।

40. श्री बैरी गॉडफ्रे जॉन (कला, एनसीटी दिल्ली)
कला और संस्कृति के क्षेत्र में श्री बैरी गॉडफ्रे जॉन का काम बेहद सराहनीय रहा है। उनकी कला ने भारतीय कला मंच पर अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और विभिन्न सांस्कृतिक समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा दिया।

41. श्रीमती बेगम बटूल (कला, राजस्थान)
राजस्थान की इस महान कलाकार ने न केवल कला के क्षेत्र में अपने योगदान से समाज को प्रभावित किया, बल्कि उन्होंने लोक कला और संस्कृति को जीवित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

42. श्री भरत गुप्त (कला, एनसीटी दिल्ली)
भारतीय कला और संस्कृति के इतिहास में श्री भरत गुप्त ने महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। उनके द्वारा किए गए शोध और कार्यों ने भारतीय कला के वैश्विक मानकों को मजबूत किया।

43. श्री भेरु सिंह चौहान (कला, मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के इस कलाकार ने अपनी कला के माध्यम से भारतीय लोक संस्कृति को न केवल सहेजा, बल्कि उसे एक नई दिशा भी दी। उनका योगदान भारतीय कला के विकास में अमूल्य रहा है।

44. श्री भीम सिंह भावेश (सामाजिक कार्य, बिहार)
भीम सिंह भावेश ने समाज की गरीब और पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिए अनेकों कार्य किए। उनका कार्य समाज में समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा।

45. श्रीमती भीमाव्वा डोड्डाबलप्पा शिल्लेक्याथरा (कला, कर्नाटक)
कर्नाटकी कला की इस महान कलाकार ने भारतीय कला को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। उनकी कला न केवल कर्नाटक में, बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध हुई।

46. श्री बुधेंद्र कुमार जैन (चिकित्सा, मध्य प्रदेश)
चिकित्सा के क्षेत्र में श्री बुधेंद्र कुमार जैन का योगदान अत्यधिक सराहनीय रहा है। उन्होंने अपनी चिकित्सा सेवाओं से लोगों की जिंदगी को नया दिशा दी और समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया।

47. श्री सी. एस. वैद्यनाथन (लोक सेवा, एनसीटी दिल्ली)
लोक सेवा के क्षेत्र में श्री सी. एस. वैद्यनाथन ने हमेशा अपने कार्यों से समाज की सेवा की। उनका योगदान सरकारी प्रशासन और समाज कल्याण के क्षेत्र में अद्वितीय है।

48. श्री चैतराम देवचंद पवार (सामाजिक कार्य, महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के इस सामाजिक कार्यकर्ता ने समाज के पिछड़े वर्गों के लिए अनगिनत योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए। उनका कार्य समाज में समानता और न्याय की दिशा में था।

49. श्री चंद्रकांत शेठ (मरणोपरांत, साहित्य और शिक्षा, गुजरात)
श्री चंद्रकांत शेठ का साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उनके लेखन और विचारों ने भारतीय साहित्य की दिशा को प्रभावित किया।

50. श्री चंद्रकांत सोमपुरा (अन्य - वास्तुकला, गुजरात)
वास्तुकला के क्षेत्र में श्री चंद्रकांत सोमपुरा ने भारतीय स्थापत्य कला को एक नई दिशा दी। उनका योगदान आज भी भारतीय वास्तुकला के महान उदाहरणों में गिना जाता है।

51. श्री चेतन ई. चिटनिस (विज्ञान और अभियांत्रिकी, फ्रांस)
विज्ञान और अभियांत्रिकी के क्षेत्र में श्री चेतन ई. चिटनिस ने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी शोध और विकास ने भारतीय तकनीकी उद्योग को नई दिशा दी।

52. श्री डेविड आर. सिएमलिएह (साहित्य और शिक्षा, मेघालय)
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में श्री डेविड आर. सिएमलिएह का योगदान महत्त्वपूर्ण था। उन्होंने अपनी लेखनी और शिक्षा के माध्यम से मेघालय और उत्तर-पूर्व भारत के साहित्यिक परिदृश्य को समृद्ध किया।

53. श्री दुर्गा चरण रणबीर (कला, ओडिशा)
श्री दुर्गा चरण रणबीर ने ओडिशा की कला और संस्कृति को संरक्षित और प्रचारित किया। उनके योगदान ने ओडिशी नृत्य और संगीत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया।

54. श्री फारूक अहमद मीर (कला, जम्मू और कश्मीर)
कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने वाले फारूक अहमद मीर का योगदान कला के क्षेत्र में अनमोल है। उनके कार्यों ने जम्मू और कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान को और भी मजबूत किया।

55. श्री गणेश्वर शास्त्री दरविड़ (साहित्य और शिक्षा, उत्तर प्रदेश)
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में श्री गणेश्वर शास्त्री दरविड़ का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। उनके कार्यों ने भारतीय समाज में शिक्षा के महत्व को उजागर किया।

56. श्रीमती गीता उपाध्याय (साहित्य और शिक्षा, असम)
साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में श्रीमती गीता उपाध्याय का योगदान अमूल्य है। उनके लेखन ने असमिया साहित्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

57. श्री गोकुल चंद्र दास (कला, पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल के इस कलाकार ने भारतीय कला को नया दृष्टिकोण दिया। उनकी कला ने न केवल भारतीय कला प्रेमियों का दिल जीता, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उसकी सराहना हुई।

58. श्री गुरुवायूर दोराई (कला, तमिलनाडु)
तमिलनाडु के गुरुवायूर दोराई ने भारतीय संगीत और नृत्य को विशेष पहचान दिलाई। उनकी कला ने भारतीय कला को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।

59. श्री हर्चंदन सिंह भट्टी (कला, मध्य प्रदेश)
मध्य प्रदेश के इस कला के धरोहरकर्ता ने भारतीय चित्रकला और शिल्प कला को नया आयाम दिया। उनके कार्यों से भारतीय कला में एक नयापन आया और संस्कृति का समृद्धि की ओर मार्गदर्शन हुआ।

60. श्री हरिमन शर्मा (अन्य - कृषि, हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में श्री हरिमन शर्मा का योगदान महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने कृषि की नई पद्धतियों को अपनाया और किसानों को सशक्त किया।

61. श्री हरजिंदर सिंह श्रीनगर वाले (कला, पंजाब)
पंजाब के इस प्रसिद्ध कलाकार ने कला के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य किए। उनका योगदान भारतीय कला को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में मददगार रहा।

62. श्री हरविंदर सिंह (खेल, हरियाणा)
खेल के क्षेत्र में श्री हरविंदर सिंह ने अपने योगदान से भारतीय खेल जगत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनकी मेहनत और समर्पण ने भारतीय खेलों को एक नई दिशा दी।

63. श्री हसन रघु (कला, कर्नाटक)
कर्नाटकी कला के इस महान हस्ती ने भारतीय कला की धरोहर को बढ़ावा दिया और कला प्रेमियों के बीच एक नई प्रेरणा जलाई।

64. श्री हेमंत कुमार (चिकित्सा, बिहार)
चिकित्सा क्षेत्र में श्री हेमंत कुमार ने कई अनुसंधान किए, जो भारत के चिकित्सा क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हुए।

65. श्री हृदय नारायण दीक्षित (साहित्य और शिक्षा, उत्तर प्रदेश)
साहित्य के क्षेत्र में श्री हृदय नारायण दीक्षित का योगदान अति महत्वपूर्ण है। उनके विचारों और लेखन ने भारतीय साहित्य को समृद्ध किया।

66. श्री ह्यूग और कोलीन गैंट्ज़र (मरणोपरांत, साहित्य और शिक्षा - पत्रकारिता, उत्तराखंड)
ह्यूग और कोलीन गैंट्ज़र का योगदान भारतीय पत्रकारिता में अतुलनीय था। उनके द्वारा किए गए शोध और कार्यों ने भारतीय मीडिया के लिए एक नई दिशा और दृष्टिकोण पेश किया। उनकी लेखनी ने समाज में सकारात्मक बदलाव और जागरूकता का बीज बोया, जो आज भी पत्रकारिता के उच्च मानकों का आदर्श बनकर स्थापित है।

67. श्री इनिवालप्पिल मणि विजयन् (खेल, केरल)
केरल के मणि विजयन् ने खेल के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उनकी उपलब्धियों ने भारतीय खेल जगत में केरल का नाम रोशन किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर भारत के लिए कई सम्मान जीते और खेलों को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई।

68. श्री जगदीश जोशिला (साहित्य और शिक्षा, मध्य प्रदेश)
श्री जगदीश जोशिला का साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। उनके कार्यों और लेखन ने भारतीय साहित्य को नई दिशा दी और मध्य प्रदेश में साहित्यिक परिदृश्य को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया।

69. श्रीमती जस्पिंदर नरूला (कला, महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र की इस प्रसिद्ध गायिका और संगीतकार ने भारतीय संगीत में अपनी कला का अद्वितीय योगदान दिया। उनके गानों में भारतीय संगीत की विविधता और गहरी भावना को महसूस किया जा सकता है। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में नवाचार और परंपरा का सामंजस्य स्थापित किया।

70. श्री जोनास मासेट्टी (अन्य - आध्यात्म, ब्राज़ील)
ब्राज़ील के जोनास मासेट्टी का आध्यात्मिक योगदान विशेष रूप से भारतीय धर्म और संस्कृति से जुड़ा हुआ था। उन्होंने भारतीय आध्यात्मिक विचारों को दुनिया भर में फैलाया और विश्व स्तर पर भारतीय योग और ध्यान की महत्वता को उजागर किया।

71. श्री जयनाचरण बथारी (कला, असम)
असम के इस महान कलाकार ने भारतीय कला और संस्कृति को अपनी अनूठी कला शैली से समृद्ध किया। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने असम की कला को वैश्विक पहचान दिलाई और भारतीय कला मंच पर एक नई लहर पैदा की।

72. श्रीमती जुमडे योमगाम गमलिन (सामाजिक कार्य, अरुणाचल प्रदेश)
अरुणाचल प्रदेश की जुमडे योमगाम गमलिन ने सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी पहल और कार्यों ने समाज के पिछड़े वर्गों की मदद की और उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई।

पद्म विभूषण पुरस्कार का महत्व और समाज पर इसका प्रभाव

पद्म विभूषण पुरस्कार का उद्देश्य केवल उन व्यक्तित्वों को सम्मानित करना नहीं है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने वाले कार्यों और विचारों को प्रोत्साहित करने का भी एक तरीका है। यह पुरस्कार हमारे समाज की उन असाधारण शख्सियतों का सम्मान करता है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता, और समर्पण से राष्ट्र को गौरवान्वित किया।
इन पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं का योगदान न केवल उनके संबंधित क्षेत्रों में प्रगति और सफलता के रूप में देखा जा सकता है, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज के हर पहलू में सुधार लाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके कार्यों ने समाज को प्रेरित किया, और यही कारण है कि उनके नाम आज भी सम्मान के साथ लिए जाते हैं।
हम इन व्यक्तित्वों से बहुत कुछ सीख सकते हैं– जैसे समर्पण, मेहनत, और उन क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए निरंतर प्रयास। उनके योगदान ने न केवल उनके पेशेवर क्षेत्र को मजबूत किया, बल्कि समाज में गहरी छाप छोड़ी, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी।

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