2025 का साल स्कूल शिक्षा के लिए बेहद खास होने वाला है। इस साल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत कई अहम बदलाव होंगे। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए नई पाठ्यपुस्तकें लागू होंगी, जो बच्चों के अध्ययन के तरीके को और भी आसान और आधुनिक बनाएंगी।
नई पाठ्यपुस्तकों से होगी पढ़ाई
एनईपी के तहत यह बदलाव स्कूली शिक्षा में एक नई दिशा दे रहे हैं। पहले बालवाटिका कक्षाओ में पहली से लेकर तीसरी और छठी कक्षा तक की पाठ्यपुस्तकें आ चुकी हैं। अब इस साल से चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए नई पाठ्यपुस्तकें आ जाएंगी। इसका मतलब यह है कि अब स्कूलों में इन कक्षाओं की पढ़ाई नई किताबों से शुरू होगी। यह न केवल बच्चों के लिए मजेदार होगा बल्कि उनकी सीखने की प्रक्रिया को भी बेहतर बनाएगा।
साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं
यह बदलाव सिर्फ कक्षाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा। शिक्षा मंत्रालय ने ऐलान किया है कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं अब साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में और दूसरी परीक्षा मई-जून में होगी। इसका मतलब है कि छात्रों को दो बार मौका मिलेगा अपनी परीक्षा देने का। जो छात्र पहली परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे, वे दूसरी परीक्षा में फिर से अपना भाग्य आजमा सकते हैं।
कैसे होगा छात्रों का मूल्यांकन?
नई प्रणाली के तहत छात्रों का मूल्यांकन दो बार होगा और उनमें से जो परीक्षा में बेहतर अंक लाएंगे, वही अंतिम अंक माने जाएंगे। यह प्रक्रिया जेईई मेन जैसी होगी, जिसमें छात्रों को दो मौके मिलते हैं, और जिस परीक्षा में उनके अंक ज्यादा होते हैं, वही अंतिम परिणाम माना जाता है। इससे छात्रों को अपनी तैयारी को और मजबूत करने का एक और मौका मिलेगा।
तो, इस साल शिक्षा क्षेत्र में हो रहे इन बदलावों का फायदा छात्रों को मिलेगा और उनकी पढ़ाई और परीक्षा प्रक्रिया को ज्यादा लचीला और किफायती बनाया जाएगा।
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