जालंधर: पंजाब राज्य पारदर्शिता और जवाबदेही आयोग के मुख्य कमिश्नर विजय कुमार जंजुआ ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को 'पंजाब पारदर्शिता और जवाबदेही अधिनियम, 2018' का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
जिला प्रशासकीय परिसर में बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री जंजुआ ने कहा कि यह अधिनियम सरकारी सेवाओं की समय पर और निर्बाध डिलीवरी की गारंटी देने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित समय से अधिक विलंब होने पर प्रति मामले 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।अधिनियम में विभिन्न सेवाओं के लिए स्पष्ट समय सीमा दर्शायी गई है, जिसके माध्यम से नागरिक अनुचित देरी की स्थिति में अपील कर सकते है।
उन्होंने सरकारी सेवाए मुहैया करवाने में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने में आयोग की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नागरिक सेवाओं को कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य भर में प्रशासन की कुशलता को बढ़ाना और सरकारी सेवाओं में जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने मुख्य कमिश्नर को जालंधर प्रशासन द्वारा सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिला इस अधिनियम के अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है। डा.अग्रवाल ने यह भी कहा कि जालंधर ने नागरिक सेवाएं प्रदान करने में पंजाब में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।
बैठक में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर डा. अमित महाजन, सहायक कमिश्नर(यूटी) सुनील फोगट, आर.टी.ए. डा. बलबीर राज सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर नगर निगम मनदीप कौर, फील्ड ऑफिसर इंद्रपाल सिंह, जिला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह भोगल और विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
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