जालंधर: पंजाब सरकार की “युद्ध नशे के विरुद्ध” मुहिम के तहत जालंधर जिला प्रशासन और पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल और पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर के नेतृत्व में चलाए गए ऑपरेशन के दौरान गांव समराय में अवैध रूप से चल रहे नशा मुक्ति केंद्र पर छापा मारकर 103 लोगों को मुक्त कराया गया।
ऑपरेशन की शुरुआत कैसे हुई?
जैसे ही प्रशासन को फोन के माध्यम से इस अवैध केंद्र की सूचना मिली, तुरंत सिविल, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को अलर्ट किया गया। तत्परता दिखाते हुए पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और नशा मुक्ति के नाम पर कैद किए गए लोगों को बाहर निकाला।
क्या मिला छापे में?
इस छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नशीली दवाएं जब्त की गईं, जिनमें शामिल थीं:
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67 पैकेट अल्प्राजोलम टैबलेट
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100 पैकेट पैनाडोल
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कुल 2005 नशीली गोलियां
किसके खिलाफ हुई कार्रवाई?
इस अवैध केंद्र को चलाने के आरोप में पाँच लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है:
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सुखजीत सिंह (नकोदर)
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वरिंदर सिंह (हरदोफराला)
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आशीष मेहरा (लुधियाना)
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मनिंदर सिंह (तरनतारन)
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मलकित सिंह (बठिंडा)
इन सभी पर उचित लाइसेंस और मेडिकल दस्तावेज न होने के कारण कानून के तहत सख्त कार्यवाही की गई है।
मुक्त कराए गए लोगों की मेडिकल जांच और इलाज
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुक्त कराए गए सभी व्यक्तियों की पहले सिविल अस्पताल जालंधर में मेडिकल जांच कराई गई, जिसके बाद उन्हें सरकारी नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र में भेजा गया ताकि वे सुरक्षित और सही इलाज पा सकें।
प्रशासन का संदेश: “नशे से आज़ादी, सबकी ज़िम्मेदारी”
जिला प्रशासन ने दोहराया कि पंजाब सरकार की “जीरो टॉलरेंस नीति” के तहत नशे के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जिले में कोई भी अवैध नशा मुक्ति केंद्र सक्रिय न रहे।
जनता से अपील:
अगर आप नशे से संबंधित किसी भी गतिविधि के बारे में जानते हैं, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें:
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हेल्पलाइन नंबर: 0181-2911969
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व्हाट्सएप सूचना: 9779-100-200आपकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने साफ किया कि कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी। जो भी अवैध गतिविधियों में लिप्त मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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