जालंधर: पंजाब सरकार ने "युद्ध नशे के विरुद्ध" अभियान को और मजबूत बनाते हुए मई महीने से पूरे राज्य में डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। इस पहल का उद्देश्य पंजाब को नशे की बुराई से मुक्त कर एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज बनाना है।
क्या है खास इस अभियान में?
मुख्य प्रवक्ता बलतेज सिंह पन्नू ने जानकारी दी कि नशा मुक्ति मोर्चा की टीमें गांव-गांव जाकर लोगों को नशे के खतरे और उससे छुटकारा पाने के उपायों के बारे में जागरूक करेंगी।
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पहले चरण में गांवों में घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा
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दूसरे चरण में कस्बों और शहरों में अभियान चलाया जाएगा
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नशे से जूझ रहे लोगों को इलाज और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी
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नुक्कड़ नाटकों और रियल लाइफ कहानियों के ज़रिए प्रेरणा दी जाएगी
राज्य सरकार की मजबूत तैयारी
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने गांवों में खेल मैदान, मॉडर्न जिम और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं देकर युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। साथ ही, डिटॉक्स सेंटर और पुनर्वास केंद्रों की भी अच्छी व्यवस्था की गई है।
हर पंजाबी की ज़िम्मेदारी
यह सिर्फ सरकार का नहीं, हर पंजाबी का अभियान है। बलतेज सिंह पन्नू ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस मुहिम में सक्रिय भागीदारी निभाएं और अपने घर, मोहल्ले और समाज को नशे से मुक्त करने में सहयोग दें।
परिवारों के लिए खास अपील
अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि वे अपने बच्चों को अनजान लोगों से खाने-पीने की चीज़ें न लेने की हिदायत दें और स्कूल-कॉलेज में बच्चों पर ध्यान रखें।
एकता से ही होगा बदलाव
"नशे के खिलाफ युद्ध" सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, ये हर दिल की आवाज़ बन चुका है। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर इस सामाजिक बुराई का अंत करें।
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