नमस्कार! आज हम बात करेंगे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के बारे में, जो न केवल राजस्थान का राज्य पक्षी है, बल्कि भारत के सबसे लुप्तप्राय पक्षियों में से एक है।
क्यों चर्चा में है
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड?
हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण
मंत्रालय के
तहत चलाए जा रहे बस्टर्ड
रिकवरी प्रोग्राम के
तहत एक बड़ी सफलता मिली। इस प्रोग्राम के माध्यम से सुदासरी प्रजनन केंद्र (जैसलमेर) में
कृत्रिम गर्भाधान के जरिए एक ही सप्ताह में चार नए बस्टर्ड चूजे पैदा हुए। यह
सफलता बस्टर्ड संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बस्टर्ड रिकवरी प्रोग्राम
का उद्देश्य
यह प्रोग्राम 2016 में शुरू हुआ था और 2024 तक जारी रहेगा। इसका
मुख्य उद्देश्य ग्रेट
इंडियन बस्टर्ड और
अन्य प्रजातियों जैसे लेजर
फ्लोरिकन का
संरक्षण करना है। इस प्रोजेक्ट में
पर्यावरण,
वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राज्य वन विभाग, और एनजीओ भागीदार मिलकर काम कर रहे हैं।
इस प्रोग्राम के माध्यम से, बस्टर्ड की प्रजातियों की सुरक्षा, उनकी आवासों का संरक्षण और प्रजनन
प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना है। इसके लिए दीर्घकालिक प्रयासों की आवश्यकता है, और इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए
कई वर्षों का समय लग सकता है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
के बारे में जानें
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (जिसे स्थानीय रूप
से गोडामण कहा
जाता है) भारत का सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी माना जाता है। यह पक्षी घास
के मैदान की
पारिस्थितिकी का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी आबादी मुख्य रूप से राजस्थान और गुजरात में
पाई जाती है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश में भी इसकी छोटी-सी आबादी मौजूद है।
हालांकि,
यह पक्षी कई खतरों का सामना कर रहा है, जैसे कि बिजली की लाइनों से टक्कर, शिकार, आवास की हानि, और कृषि विस्तार।
यह एक धीमी गति से प्रजनन करने वाली प्रजाति है,
जो कम अंडे देती है और चूजों की देखभाल में लंबा समय लेती है।
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
का संरक्षण
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को आईयूसीएन
रेड लिस्ट में गंभीर
रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) श्रेणी
में रखा गया है। इसे वन्यजीव
संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची एक में भी शामिल किया गया है, जो इसके संरक्षण की ओर एक महत्वपूर्ण
कदम है।
बिजली की लाइनों का
खतरा
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के लिए सबसे बड़ा
खतरा बिजली
की लाइनों से
है। इन पक्षियों की दृष्टि बहुत
कमजोर होती है और उनका शरीर भारी होने के कारण वे उड़ान भरने में कठिनाई महसूस
करते हैं। कम
ऊंचाई पर उड़ने के
कारण वे बिजली की लाइनों से टकरा जाते हैं,
जिससे उनकी मौत हो जाती है। ज्यादातर मौतें बिजली के झटके से
नहीं, बल्कि
इन लाइनों से टकराने के कारण होती हैं।
क्यों है यह संरक्षण
महत्वपूर्ण?
ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का संरक्षण सिर्फ
एक पक्षी के बचाने का मुद्दा नहीं है,
बल्कि यह
घास के मैदानों की पारिस्थितिकी और समग्र पर्यावरण के स्वास्थ्य से भी
जुड़ा है। इसलिए, हमें
इस पक्षी के संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने और मानव-प्राकृतिक सह अस्तित्व को
सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
आइए, हम सभी मिलकर ग्रेट
इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण में अपना योगदान दें और इसे बचाने के लिए उठाए गए कदमों
को सराहें।
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