हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का बेहद शुभ दिन माना जाता है। खासकर गुरु प्रदोष के दिन अगर श्रद्धा और सच्चे मन से शिव की पूजा की जाए, तो जीवन की हर परेशानी आसान हो सकती है।
कैसे करें शिव की आराधना?
- भोलेनाथ को बेलपत्र और धतूरा बहुत प्रिय है। बहुत कम में खुश हो जाने वाले महादेव, बस सच्चे मन से की गई भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं।
- उनकी उपासना में आप ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जाप कर सकते हैं।
- इस दिन विशेष रूप से गुरु ग्रह की शांति के लिए ‘ॐ ग्राम ग्रीम ग्राहं सह गुरुवे नमः’ मंत्र का भी जाप करें और हल्दी मिला जल शिवलिंग पर अर्पित करें।
ध्यान में रखें ये बातें:
- इस व्रत में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें। गुस्सा, बुरा बोलना, हिंसा या किसी के लिए नकारात्मक सोच- इन सबसे बचें।
- प्रयास करें कि उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन हो और मन में सभी के लिए शुभकामनाएं हों- सबका भला हो, सब स्वस्थ और खुश रहें।
दान का महत्व:
गुरु प्रदोष व्रत के दिन दान करना विशेष फलदायी होता है। आप अपनी क्षमता अनुसार ये चीज़ें दान कर सकते हैं:
✔ जरूरतमंद कन्या के विवाह के लिए कुछ आवश्यक सामान
✔ पीले फल
✔ पीला कपड़ा
✔ चने की दाल, हल्दी, गुड़ आदि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन का दान आपके ग्रहों के दोष को शांत कर सकता है और बिगड़े कामों को बना सकता है।
भोले की भक्ति से बदल सकता है भाग्य
महादेव की महिमा अपरंपार है। वे सच्चे दिल से की गई भक्ति से तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आप मन से भगवान शिव को याद करेंगे, तो वो आपके जीवन की सारी समस्याओं को खुद अपने कंधे पर उठा लेंगे।
तो देर किस बात की? इस गुरु प्रदोष पर करें शिव पूजन, करें सच्चे मन से प्रार्थना और भगवान भोलेनाथ से अपने जीवन को मंगलमय बनाने की कृपा माँगिए।
✨ ॐ नमः शिवाय ✨
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